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 Varanasi-Kolkata Expressway: सफर होगा सुहाना ! इन जिलावासियों की होगी मौज, देखें रूट मेप 

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्रा समय और दूरी को कम करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक लाभ भी प्रदान करेगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
 
 Varanasi-Kolkata Expressway

 Varanasi-Kolkata Expressway: वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यात्रा समय और दूरी को कम करने के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक लाभ भी प्रदान करेगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को तेज और सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे, भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा, उत्तर प्रदेश के आध्यात्मिक शहर वाराणसी को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। यह एक्सप्रेसवे ग्रैंड ट्रंक रोड या एशियाई राजमार्ग 1 के समानांतर बनेगा और चार राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, और पश्चिम बंगाल से होकर गुज़रेगा।

यात्रा समय और दूरी में कमी

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के पूर्ण होने पर यात्रा का समय और दूरी में उल्लेखनीय कमी होगी:

यात्रा समय: 12-14 घंटे से घटकर 6-7 घंटे
यात्रा दूरी: 690 किमी (430 मील) से घटकर 610 किमी (380 मील)

यह बदलाव न केवल यात्रा को और अधिक सुविधाजनक बनाएगा, बल्कि विभिन्न राज्यों के बीच व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।

एक्सप्रेसवे के बारे में 

कुल लागत ₹35,000 करोड़। चतरा के हंटरगंज से शुरू होकर झारखंड में प्रवेश, हजारीबाग और रामगढ़ से होते हुए पुरुलिया, पश्चिम बंगाल तक। पहले आठ लेन की योजना थी, अब छह लेन की योजना।

एक्सप्रेसवे की वजह से उद्योगों की वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्रीय विकास में तेजी आएगी।स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। गया में बनने वाला लॉजिस्टिक पार्क बिहार को माल के निर्यात के लिए कोलकाता बंदरगाह तक आसान पहुंच प्रदान करेगा।

एक्सप्रेसवे कनेक्शंस

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे को अन्य प्रमुख एक्सप्रेसवे के साथ जोड़ने की योजना है:

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे
यमुना एक्सप्रेसवे
दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे

इसके माध्यम से कोलकाता को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और जम्मू और कश्मीर से भी जोड़ा जाएगा, जिससे यात्रा की सुविधा में और सुधार होगा।