केन्द्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए क्या लाया बजट ! हुए निहाल या फिर वही हाल, जानें...
New Pay Commission: सरकारी कार्यकर्ता मंगलवार को संसद में प्रस्तुत सामान्य बजट से नाखुश हैं। श्रमिकों का कहना है कि बजट उम्मीद के मुताबिक नहीं रहता है। बजट के बाद, दोनों केंद्रीय या राज्य के कर्मचारी, दोनों ने हताश कहा।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
एजी ऑफिस के कर्मचारी अमित सिंह ने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को कुछ नहीं दिया है। उनकी मुख्य शिकायतें इस प्रकार हैं:
आयकर स्लैब 10 से 15 लाख तक पर 15 फीसदी किया जाना चाहिए था।
पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल नहीं किया गया।
आठवें वेतन आयोग को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ।
एजी ऑफिस के असिस्टेंट सुपरवाइजर और वॉलीबाल खिलाड़ी निरंजन राय ने भी अपनी निराशा व्यक्त की:
सरकार को खेल सामग्रियों को जीएसटी से मुक्त करना चाहिए था, जिससे देश में खेल को बढ़ावा मिले।
18 महीने के बकाए डीए का भुगतान करने संबंधी कोई घोषणा नहीं की गई।
उप्र रोडवेज कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सत्य नारायण यादव ने कहा:
बजट सिर्फ टेंशन देने और निराश करने वाला है।
लंबे समय तक सरकारी सेवा कर सेवानिवृत होने वाले कर्मचारियों को पेंशन का लाभ अवश्य मिलना चाहिए था।
ईपीएफओ में न्यूनतम पेंशन 7500 रुपये को डीए से जोड़कर देने का निर्णय होना चाहिए था।
सरकारी कर्मचारियों का कहना है कि बजट में उनकी आर्थिक सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। आयकर स्लैब में बदलाव और पेंशन योजनाओं में सुधार न होने से वे निराश हैं। इसके अलावा, खेल सामग्री पर जीएसटी छूट न मिलने से खेल क्षेत्र को भी कोई बढ़ावा नहीं मिला।
सरकारी कर्मचारियों की बजट से उम्मीदें पूरी नहीं हुई हैं। वेतन आयोग, पेंशन स्कीम और बकाया डीए जैसे मुद्दों पर कोई निर्णय न होने से कर्मचारियों में निराशा है। सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देने और कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की आवश्यकता है।