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योगी सरकार की कड़ी कार्रवाई,  28 चकबंदी अधिकारियों को किया सस्पेंड, जानें वजह  

योगी सरकार की इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है। इससे न केवल अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। 
 
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UP Breaking: योगी सरकार की इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करना है। इससे न केवल अधिकारियों को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में लापरवाही और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। 

हाल ही में, 28 चकबंदी अधिकारियों पर गाज गिरी है, जिनमें 13 बंदोबस्त अधिकारियों को निलंबित किया गया है और अन्य पर विभिन्न अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर की गई है, जिसमें चकबंदी मामलों के निपटारे में अनियमितता और लेटलतीफी के आरोप लगे थे।

13 बंदोबस्त अधिकारी निलंबित

योगी सरकार ने चकबंदी के मामलों में तेजी से निपटारा न करने वाले अधिकारियों पर सख्त रुख अपनाया है। इस प्रक्रिया में 13 बंदोबस्त अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।

आठ मंडलों में कार्रवाई

इस कार्रवाई का असर आठ मंडलों—प्रयागराज, वाराणसी, मीरजापुर, आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, अयोध्या, और देवीपाटन—के चकबंदी अधिकारियों पर पड़ा है। इन मंडलों में काम करने वाले कई अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

अनुशासनात्मक कार्रवाई और वेतन रोक

एक सहायक चकबंदी अधिकारी का वेतन रोक दिया गया है, जबकि अन्य अधिकारियों को स्पष्टीकरण तलब किया गया है। इसके अलावा, एक सेवानिवृत्त सहायक चकबंदी अधिकारी की पेंशन में 20 प्रतिशत की कटौती का प्रस्ताव भेजा गया है।