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सिरसा जिले के नाथुसरी-चोपटा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले में बिजली निगम के ठेकेदार जैई और लाइनमैन को हुई 3 साल की कैद

सिरसा जिले के नाथुसरी-चोपटा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले में बिजली निगम के ठेकेदार जैई और लाइनमैन को हुई 3 साल की कैद
 
नाथुसरी-चोपटा

सिरसा जिले के नाथुसरी-चोपटा क्षेत्र में कार्यरत बिजली निगम के जेई, लाइनमैन और ठेकेदार को भ्रष्टाचार के मामले में 3 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है।

भ्रष्टाचार के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने यह फैसला सुनाया है। सिरसा जिले के नाथुसरी-चोपटा क्षेत्र में कार्यरत बिजली निगम के जेई और लाइनमैन और निजी ठेकेदार को कोर्ट ने दोषी मानते हुए तीन साल कारावास के साथ 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है। अगर ये दोषी जुर्माना नहीं भरते  हैं तो इन्हें तीन माह अतिरिक्त कैद काटनी होगी। ज्ञात हो कि भ्रष्टाचार के इस मामले में सिरसा जिले के नाथूसरी चौपटा थाना पुलिस ने मई 2017 में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।


रुपावास निवासी सुनील कुमार ने कई साल पहले भ्रष्टाचार के मामले में पुलिस थाने में करवाई थी शिकायत दर्ज

सिरसा जिले के रुपावास गांव निवासी सुनील कुमार ने कई साल पहले भ्रष्टाचार के मामले में नाथूसरी-चौपटा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कर मामले की जांच करने हेतु अपील की थी।
सुनील कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि वह खेत में ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन करवाने के लिए जून 2016 में बिजली निगम नाथूसरी चौपटा के कार्यालय में गया तो कार्यालय में मौजूद एसडीओ ने  कनेक्शन लेने के लिए सरकार द्वारा रखे गए ठेकेदार से संपर्क करने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कि आरोपी ठेकेदार सुरजीत ट्यूबेल कनेक्शन लेने की एवज में पैसों की मांग की। सुनील कुमार के अलावा भी भ्रष्टाचार के इस मामले के कई शिकायतकर्ता बिजली निगम के ठेकेदार सुरजीत, उसके पुत्र जयवीर, नाथूसरी कलां निवासी जेई लीलाधर व फतेहाबाद के ढाबी खुर्द निवासी लाइनमैन रणजीत सिंह के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं। शिकायत के दौरान इन शिकायतकर्ताओं ने कहा कि इन लोगों ने ट्यूबवेल का बिजली कनेक्शन लगाने के नाम पर लाखों रुपये वसूल कर खेतों में अवैध कनेक्शन लगा दिया।

अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से होता था पूरा काम


रूपवास निवासी सुनील कुमार ने बताया कि भ्रष्टाचार के इस मामले में अधिकारियों और ठेकेदार की पूरी मिलीभगत थी। उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल कनेक्शन हेतु एसडीओ से मिला तो एसडीओ ने ठेकेदार को बुलाते हुए कहा कि ये निगम की ओर से तुम्हारे इलाके का ठेकेदार है इससे मिल लीजिए। जब वह ठेकेदार सुरजीत से मिला तो उसने कनेक्शन की एवज मे लगभग ढाई लाख रुपये मांगे और 20 दिन में ट्यूबवेल कनेक्शन लगाने की बात कही। जिस पर सुनील ने ठेकेदार को एक लाख रुपये नकद दिए। उसके बाद ठेकेदार ने सुनील के खेत में बिजली कनेक्शन कर दिया।

जिस पर सुनील ने ठेकेदार सुरजीत व बिजली कर्मचारियों को बाकी बचे एक लाख 40 हजार रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी कर दिया। इस राशि की ठेकेदार ने फर्जी रसीद भी सुनील को उपलब्ध करवा दी। सुनील को अपने खेत में अवैध ट्यूबवेल कनेक्शन का पता तब चला जब 31 मार्च 2017 को विजिलेंस की टीम व बिजली निगम के कर्मचारी सुनील के खेत में पहुंचे।

विजिलेंस की टीम ने सुनील को बताया कि आपके खेत में ट्यूबवेल कनेक्शन अवैध होने की शिकायत मिली है, लेकिन आपका सारा सामान सरकारी है।  जांच में भी निगम के सरकारी रिकॉर्ड में ये कनेक्शन कहीं पर भी दर्ज नहीं मिला। इतना ही नहीं सुनील के अलावा कई और किसानों के ट्यूबवेल के बिजली कनेक्शन भी अवैध मिले।

ट्यूबवेल कनेक्शन के नाम पर भ्रष्टाचार का यह मामला उजागर होने के बाद पुलिस ने ठेकेदार सुरजीत और उसके पुत्र ठेकेदार जयवीर सहित लाइनमैन रणजीत व जेई लीलाधर के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। आपको बता दें कि इस मामले में दो सेट ठेकेदार सुरजीत की मौत हो चुकी है।