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5 बच्चों की माँ ने 16 साल के भतीजे के साथ बनाये संबंध, फिर ऐसे खुली पोल सब की आँखें रह गई फटी की फटी 

16 वर्षीय सौतेले भतीजे के साथ यौन संबंध बनाए। वह कुछ दिनों पहले अपनी पत्नी के साथ लापता हो गया था। जब वह लौटी तो वह गर्भवती थी। पुलिस ने मामले में मामला दर्ज किया और आरोपी बुआ को 9 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
 
 
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Crime news: पॉक्सो की एक अदालत ने एक सौतेले पिता को अपने 16 वर्षीय भतीजे के साथ यौन संबंध बनाने के लिए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। पॉक्सो अदालत की न्यायाधीश अर्चना सागर ने दोषी पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया। घटना देहरादून की है।

सहायक जिला सरकार की अधिवक्ता अल्पना थापा ने कहा कि 5 जुलाई, 2022 को 16 वर्षीय लड़के की मां ने घटना के संबंध में बसंत विहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। उसने कहा कि उसका पति पिछले छह महीने से उसके साथ रह रहा था।

उसकी साली ने अपने 16 वर्षीय सौतेले भतीजे के साथ यौन संबंध बनाए। वह कुछ दिनों पहले अपनी पत्नी के साथ लापता हो गया था। जब वह लौटी तो वह गर्भवती थी। पुलिस ने मामले में मामला दर्ज किया और आरोपी बुआ को 9 जुलाई, 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

अदालत ने 2 जनवरी, 2023 को उसे जमानत दे दी थी, क्योंकि वह गर्भवती थी। इसके बाद उनके एक पुत्र का जन्म हुआ। डीएनए परीक्षण किया गया और बच्चे की पहचान की गई। अदालत में मामले की सुनवाई के लिए आया लड़का यौन उत्पीड़न के आरोप से मुकर गया।

उन्होंने कहा कि उनके अपने पिता के साथ सहमति से संबंध थे। महिला को 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अदालत ने महिला को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने छह गवाह और 14 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए।

डीएनए रिपोर्ट सजा दिलाने में अहम साबित हुई
देहरादून। कोर्ट में ट्रायल के दौरान बालक अपने बयान में दोषी ठहराई गई बुआ के पक्ष में चला गया था। उसने कहा कि घटना के वक्त उसकी आयु 18 वर्ष थी। परिजनों ने स्कूल में दाखिला कराते वक्त उम्र दो साल कम लिखवाई थी।

उसने दोषी ठहराई गई महिला के संबंध बनाने के लिए जोर जबरदस्ती करने से भी इनकार किया था। यह भी कहा कि परिजन बुआ को घर में नहीं रखना चाहते थे। इसलिए यह केस दर्ज कराया। मुख्य पीड़ित के आरोपों से मुकरने के बावजूद कोर्ट में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर अपना फैसला सुनाया। कहा कि कोर्ट में बालक के शैक्षिक दस्तावेज में घटना के वक्त उम्र 16 वर्ष साबित हुई।

महिला छह बच्चों की मां
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा के मुताबिक दोषी महिला के बालक से यौन संबंध स्थापित करने से पहले पांच बच्चे थे। पति से अनबन के कारण वह मायके में आकर रहने लगी। यहां भतीजे से संबंध बनाए तो उसने छठवीं संतान के रूप में बच्ची को जन्म दिया।

बालकों के संरक्षण का भी है कानून
शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि पॉक्सो में बालिकाओं की तरह बालकों का संरक्षण का कानून बनाया गया। अधिवक्ता सौरभ दुसेजा ने बताया कि महिला यदि नाबालिग बालक को अपनी यौनिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए उत्पीड़न करती है तो उसे भी बालक पर लैगिंक हमला माना जाता है। इसी के तहत मंगलवार को यह फैसला आया।