18 Months DA Arrears: अगस्त 2024 की बाहरवीं सुबह ने सरकारी कर्मचारियों को दिया सुखद संदेश ! बकाया DA की पहली किस्त इस राखी पक्की
केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए हाल ही में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। कोविड-19 के दौरान रुके 18 महीने के डीए (महंगाई भत्ता) और डीआर (महंगाई राहत) के बकाया भुगतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना बयान जारी किया है।
Aug 12, 2024, 09:20 IST
18 Months DA Arrears; केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाले लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए हाल ही में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। कोविड-19 के दौरान रुके 18 महीने के डीए (महंगाई भत्ता) और डीआर (महंगाई राहत) के बकाया भुगतान को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। अब, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने इस मुद्दे पर अपना बयान जारी किया है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में दिए गए लिखित उत्तर में स्पष्ट किया कि कोविड-19 के संदर्भ में 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्तों को फ्रीज करने का निर्णय लिया गया था। इसके पीछे का तर्क था कि महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधान और सरकारी वित्त पर दबाव को कम करना था। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण के कारण डीए/डीआर का बकाया संभव नहीं माना गया।
राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त सलाहकार तंत्र और भारतीय प्रतीक्षा मजदूर संघ ने केंद्र से महामारी के दौरान रोके गए बकाया को जारी करने की मांग की है।
लूथरा और लूथरा लॉ ऑफिस इंडिया के पार्टनर संजीव कुमार ने कहा कि डीए 50% की सीमा पार करने के बाद स्वचालित विलय की कोई सिफारिश 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट में नहीं की गई है।
फिलहाल, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 18 महीने के डीए बकाया के भुगतान की कोई आशंका नहीं है। हालांकि, डीए और डीआर के बढ़ने के बाद बेसिक सैलरी में सुधार की उम्मीद बनी हुई है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि भविष्य में सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाएगी और बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करेगी।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में दिए गए लिखित उत्तर में स्पष्ट किया कि कोविड-19 के संदर्भ में 01.01.2020, 01.07.2020 और 01.01.2021 से देय महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की तीन किस्तों को फ्रीज करने का निर्णय लिया गया था। इसके पीछे का तर्क था कि महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक व्यवधान और सरकारी वित्त पर दबाव को कम करना था। उन्होंने यह भी कहा कि कोविड-19 के प्रतिकूल वित्तीय प्रभाव और सरकार द्वारा किए गए कल्याणकारी उपायों के वित्तपोषण के कारण डीए/डीआर का बकाया संभव नहीं माना गया।
राष्ट्रीय परिषद (कर्मचारी पक्ष), केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संयुक्त सलाहकार तंत्र और भारतीय प्रतीक्षा मजदूर संघ ने केंद्र से महामारी के दौरान रोके गए बकाया को जारी करने की मांग की है।
लूथरा और लूथरा लॉ ऑफिस इंडिया के पार्टनर संजीव कुमार ने कहा कि डीए 50% की सीमा पार करने के बाद स्वचालित विलय की कोई सिफारिश 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट में नहीं की गई है।
फिलहाल, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स को 18 महीने के डीए बकाया के भुगतान की कोई आशंका नहीं है। हालांकि, डीए और डीआर के बढ़ने के बाद बेसिक सैलरी में सुधार की उम्मीद बनी हुई है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि भविष्य में सरकार इस मुद्दे पर सकारात्मक कदम उठाएगी और बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करेगी।