8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बजट 2024 लाएगा खास तोहफा, सैलरी में इतना उछाल कन्फर्म
बजट 2024 की उलटी गिनती शुरू हो गई है और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में बजट पेश करेंगी। इस बीच, केंद्रीय कर्मचारी अपने लिए 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं।
Updated: Jul 19, 2024, 11:40 IST
8th Pay Commission: बजट 2024 की उलटी गिनती शुरू हो गई है और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में बजट पेश करेंगी। इस बीच, केंद्रीय कर्मचारी अपने लिए 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे हैं।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और कर्मचारी परिसंघ के महासचिव एसबी यादव ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने और 18 महीने के महंगाई भत्ते को जारी करने की भी मांग की है। यह मांग संयुक्त सलाहकार मशीनरी (जेसीएम) की राष्ट्रीय परिषद (स्टाफ साइड) द्वारा पहले उठाई गई थी।
केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन आमतौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और लाभों की समीक्षा और संशोधन के लिए किया जाता है। सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी, 2014 को किया था। समिति ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं।
8वें वेतन आयोग की घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर रितिका नय्यर का मानना है कि सरकार इस दिशा में अपनी तैयारी शुरू कर सकती है। आठवें वेतन आयोग के आने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन इससे सरकारी वित्त पर भी दबाव बढ़ेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक इस मोर्चे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। यह निर्णय देश की आर्थिक स्थिति और सरकार की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।
बजट 2024 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की संभावना पर सबकी नजरें टिकी हैं। इस घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। लेकिन इसके साथ ही सरकारी वित्त पर दबाव बढ़ने की संभावना भी है। सरकार का अंतिम निर्णय देश की आर्थिक स्थिति और राजनीतिक प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।
केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और कर्मचारी परिसंघ के महासचिव एसबी यादव ने भारत सरकार के कैबिनेट सचिव को पत्र लिखकर 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को बहाल करने और 18 महीने के महंगाई भत्ते को जारी करने की भी मांग की है। यह मांग संयुक्त सलाहकार मशीनरी (जेसीएम) की राष्ट्रीय परिषद (स्टाफ साइड) द्वारा पहले उठाई गई थी।
केंद्रीय वेतन आयोगों का गठन आमतौर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और लाभों की समीक्षा और संशोधन के लिए किया जाता है। सातवें वेतन आयोग का गठन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 28 फरवरी, 2014 को किया था। समिति ने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं।
8वें वेतन आयोग की घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को बड़ी राहत मिलेगी। सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर रितिका नय्यर का मानना है कि सरकार इस दिशा में अपनी तैयारी शुरू कर सकती है। आठवें वेतन आयोग के आने से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है, लेकिन इससे सरकारी वित्त पर भी दबाव बढ़ेगा।
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सरकार की ओर से 8वें वेतन आयोग के गठन का बेसब्री से इंतजार है। हालांकि, केंद्र सरकार ने अभी तक इस मोर्चे पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है। यह निर्णय देश की आर्थिक स्थिति और सरकार की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।
बजट 2024 में 8वें वेतन आयोग की घोषणा की संभावना पर सबकी नजरें टिकी हैं। इस घोषणा से केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। लेकिन इसके साथ ही सरकारी वित्त पर दबाव बढ़ने की संभावना भी है। सरकार का अंतिम निर्णय देश की आर्थिक स्थिति और राजनीतिक प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा।