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जींद में चल रहे अवैध प्ले स्कूलों पर प्रशासन करेगा कठोर कार्रवाई, डीसी ने की
उपमंडल स्तर पर टीमें गठित

Administration will take strict action against illegal play schools running in Jind, DC formed teams at sub-division level
 
PLAY SCHOOL

जींद जिले में अवैध रूप से चलाई जा रहे प्ले स्कूल की अब शामत आ गई है। क्योंकि इन अवैध प्ले स्कूलों पर कठोर कार्रवाई करने हेतु प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है। आपको बता दें कि अकेले जिद ही नहीं बल्कि हरियाणा प्रदेश के कई जिलों में अवैध रूप से चल रहे प्ले स्कूलों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। यह अवेध प्ले स्कूल बिना किसी मान्यता के और बिना किसी लाइसेंस के बच्चों का भविष्य बर्बाद तो करते ही करते हैं, साथ ही साथ बच्चों के परिजनों से फीस के तौर पर मोटी रकम भी वसुलते हैं। अब प्रशासन ने ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर एक्शन लेना शुरू कर दिया है। प्रशासन ने ऐसे स्कूलों पर कार्यवाही हेतु उप मंडल स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में टीमें गठित कर दी हैं।

ये टीमें में जींद शहर में चल रहे अवैध प्ले स्कूल को चिन्हित कर उन पर कार्यवाही करेगी। जींद शहर की बात करें तो इस शहर की हर गली में अवैध प्ले स्कूल चल रहे हैं। ऐसे अवैध प्ले स्कूलों पर लंबे समय से विभाग द्वारा कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही थी। जिसको देखते हुए विभाग ने 31 मार्च तक इन स्कूलों से रजिस्टे्रशन के लिए आवेदन मांगे थे। लेकिन स्कूल संचालकों ने रजिस्टे्रशन में कोई रूचि नहीं दिखाई। आपको बता दें कि हरियाणा प्रदेश के जींद जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए जींद शहर में चल रहे अवैध प्ले स्कूल लंबे समय से सिरदर्द बने हुए हैं।

विभाग ने कई बार इन स्कूल संचालकों को रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी समय दिया, लेकिन स्कूलों में गाइडलाइन के अनुसार सुविधा नहीं होने के कारण स्कूल संचालक रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी आगे नहीं आ रहे। अब इस मामले को लेकर डीसी ने कड़ी कार्रवाई करने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें खंड स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में कमेटी का गठन करने के निर्देश देकर अवैध प्ले स्कूलों को पूर्ण रूप से बंद करने के निर्देश दिए हैं।


 इसमें डीसी ने महिला एवं बाल विकास विभाग, एडीसी, नगरायुक्त व सभी एसडीएम शामिल हुए। डीसी ने सभी अधिकारियों की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिला में चल रहे अनाधिकृत स्कूलों का निरीक्षण कर तुरंत उन पर कार्रवाई कर सील करने के आदेश दिए है। इसके लिए एसडीएम के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया गया। यह कमेटी प्ले स्कूलों में जाएगी। जिसमें अनाधिकृत व अधिकृत प्ले स्कूलों की जांच होगी और गाइडलाइन के अनुसार दी जाने वाली मुलभूत सुविधाओं की भी जांच करेगी। जो भी स्कूल इन

नियमों पर खरा नहीं उतरता पाया गया तो उन स्कूलों को सील किया जाएगा। शहर में लंबे अर्से से एक या दो कमरों में बिना मुलभूत सुविधाओं के प्ले स्कूल चल रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों को प्ले स्कूल के नाम पर कोई सुविधा बेहतर तरीके से उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। जिसके चलते मासूमों के भविष्य के साथ लंबे समय से फीस के नाम पर ही लूट का खेल चल रहा है। इनमें सुविधा उपलब्ध करवाने या फिर इन स्कूलों की जांच कर सीडीपीओ के साथ अन्य संबंधित अधिकारियों ने शायद ही कभी कोई कार्रवाई की हो।

जिसके चलते इन स्कूल संचालकों के हौंसले बुलंद हो रहे हैं। विभाग द्वारा लंबे समय से कार्रवाई नहीं होने के कारण यह स्कूल संचालक रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए भी आगे नहीं आ रहे। अगर स्कूल संचालक रजिस्टे्रशन के लिए आवेदन करेंगे तो इनकी जांच होगी। जांच में यह स्कूल मानकों पर खरे नहीं उतरेंगे। जिसके डर से जिले में अधिकतर स्कूल संचालक रजिस्ट्रशन के लिए अभी तक आगे नहीं आए।

विभाग द्वारा खोले गए किड्स प्ले स्कूलों में भी सुविधाएं नाममात्र

आपको बता दें कि विभाग एक तरफ अवैध प्ले स्कूलों पर कार्यवाही की बात कर रहा है तो दूसरी तरफ विभाग द्वारा जिले में 100 से ज्यादा प्ले स्कूल खोले हुए हैं। जिनमें अगर हम सुविधाओं की बात करें तो नाम मात्र की सुविधाएं हैं। अधिकतर स्कूल किराये के भवन में चल रहे हैं। इनमें कई स्कूलों में आज तक न तो बैठने की बेहतर व्यवस्था है, न ही बिजली का कनैक्शन है और न ही पेयजल की उचित व्यवस्था है। इसके कारण विभाग सिर्फ कागजातों में ही इन स्कूलों को अमलीजामा पहना रहा है। इन स्कूलों मेंं सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए न तो विभाग आगे आ रहा और न ही स्कूल संचालक कभी शिकायत करती। इन स्कूलों में भी प्ले स्कूलों की तरह ही खानापूर्ति की जा रही है।

मीटिंगें तो हुई लेकिन सुविधाएं नहीं मिली

विभाग द्वारा खोले गए प्ले स्कूलों के लिए मीटिंगें तो कई बार हो चुकी है लेकिन अभी तक इन स्कूलों को सुविधा नहीं मिली है।
बीते वर्ष भी इन स्कूलों के रजिस्ट्रेशन करवाने और स्कूलों की जांच के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई थी। इसके बाद पांच से दस प्ले स्कूलों का निरीक्षण भी किया गया, लेकिन इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब डीसी ने अवैध प्ले स्कूलों को सील करने के निर्देश दिए हैं।