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IAS Ankita Choudhary: एक हादसा और मां को खोने का गम, फिर सदमे से निकलकर बन गईं मिसाल, जानें कौन हैं IAS अंकिता चौधरी

IAS Ankita Choudhary: एक हादसा और मां को खोने का गम, फिर सदमे से निकलकर बन गईं मिसाल, जानें कौन हैं IAS अंकिता चौधरी
 
IAS Ankita Choudhary

IAS Ankita Choudhary: रास्ते में पड़ने वाले पत्थर कुछ लोगों के लिए बाधा का काम करते हैं, तो कुछ लोग उन पत्थरों से पुल भी बना लेते हैं। कुछ लोग थोड़ी सी परेशानी आने पर हार मान लेते हैं। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उन चुनौतियों का डटकर सामना करते हैं और जीवन में सफलता के नए आयाम गढ़ते हैं। ऐसी ही एक प्रेरक कहानी है IAS अंकिता चौधरी की।

IAS बनने का सपना

अंकिता चौधरी स्कूल के शुरुआती दिनों से ही IAS बनना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने खूब मेहनत भी की, लेकिन साल 2017 में जब उनका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं आया तो वे हताश हो गईं। एक बार तो उन्हें निराशा भी हुई और लगा कि अब उन्हें UPSC की तैयारी छोड़कर किसी और सरकारी परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए।

एक हादसे में खोई मां

इसी संघर्ष के बीच एक ऐसा हादसा हुआ जिसने उन्हें पूरी तरह से तोड़ दिया। किस्मत ने उनसे एक ऐसा शख्स छीन लिया जो उनके सबसे करीब था। दरअसल, एक सड़क हादसे में अंकिता की मां की मौत हो गई थी। इस हादसे ने उन्हें पूरी तरह से हिलाकर रख दिया। इसके बाद वे अकेली रह गईं। एक तरफ अपने करियर को लेकर मन में निराशा थी तो दूसरी तरफ मां को खोने का गम उन्हें अंदर ही अंदर खाए जा रहा था, लेकिन अंकिता ने हार नहीं मानी और खुद पर काबू रखते हुए फिर से तैयारी शुरू कर दी।

साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी और जब रिजल्ट आया तो उनकी मेहनत रंग लाई। अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने पूरे देश में 14वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनीं। अपनी जीत का श्रेय वह अपनी मां को देती हैं।

रोहतक जिले से ताल्लुक रखती हैं

हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से कस्बे महम की रहने वाली अंकिता चौधरी के पिता सत्यवान शुगर मिल में अकाउंटेंट हैं और मां गृहिणी हैं। रोहतक के इंडस पब्लिक स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद वह दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज गईं, जहां से उन्होंने केमिस्ट्री में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। ग्रेजुएशन के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी।

आईआईटी दिल्ली से मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने वर्ष 2017 में यूपीएससी परीक्षा के लिए अपना पहला प्रयास दिया। इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली। उसके बाद उनकी मां की मौत ने उन्हें पूरी तरह से झकझोर कर रख दिया।

पिता ने दिया सहारा

ऐसे समय में उनके पिता ने उनका साथ दिया और चुनौतियों से लड़ना सिखाया। अंकिता ने अब पूरे जोश के साथ फिर से तैयारी शुरू कर दी और वर्ष 2018 में दूसरे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बन गईं। बेहद साधारण और मध्यम वर्गीय पारिवारिक पृष्ठभूमि होने के बावजूद अंकिता ने कभी पीछे कदम नहीं रखा और आईएएस बन गईं। फिलहाल वह सोनीपत में एडीसी के पद पर कार्यरत हैं।