प्रदेश के सरकारी स्कूलों को नहीं मिल रहे बच्चे, अभी तक हुए मात्र 19260 नए दाखिले
इन दिनों सरकारी और निजी स्कूलों में बच्चों के नए दाखिला हेतु होड़ मची हुई है। सभी स्कूल बच्चों के ज्यादा से ज्यादा नए दाखिले करने में लगे हुए हैं। ऐसे में अगर हम सरकारी स्कूलों की बात करें तो हरियाणा प्रदेश के अंदर हालत खस्ता नजर आ रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चे दाखिला लेने हेतु कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहें हैं। यह बात हम इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि अभी तक हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में केवल 19260 नए दाखिले हुए हैं।
हालांकि हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में दिन प्रतिदिन घट रही छात्रों की संख्या को बढ़ाने हेतु अध्यापक दिन-रात पसीना भी बहा रहे हैं। लेकिन उनकी इस मेहनत का फल नजर नहीं आ रहा है। हरियाणा शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर अध्यापकों को लगभग 3 लाख नई दाखिले हेतु लक्ष्य दिया है। लेकिन अभी तक शिक्षकों द्वारा केवल 19260 नए दाखिले ही हुए हैं। आपको बता दे कि प्रदेश के अंदर स्कूलों में दाखिले हेतु 1 अप्रैल से दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
लेकिन पिछले 10 दिनों में 19000 बच्चों का ही सरकारी स्कूलों में दाखिला लेना अपने आप में चौंकाने वाली बात है। यह कहीं ना कहीं प्रदेश के अंदर सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है। इन 19260 नए दाखिलों की बात करें तो इनमें 10012 दाखिले तो बाल वाटिकाओं में हुए हैं और 9248 बच्चों ने सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं कक्षा में दाखिला लिया है। बाल वाटिका में दाखिला लेने वाले ज्यादातर बच्चे आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले हैं। सरकारी अध्यापकों ने बच्चों के नए दाखिलों को लेकर मेहनत ना करते हुए इन आंगनवाड़ी केदो से 6 साल से ऊपर के बच्चों का डाटा उठाकर दाखिला संख्या 19260 पहुंचाई है।
जिले वाइज इतने बच्चों ने लिया सरकारी स्कूलों में दाखिला
अगर हम जिले वाइज सरकारी स्कूलों में नए दाखिलों की बात करें तो अभी तक अंबाला में 594, भिवानी में 1015, चरखी दादरी में 915, फरीदाबाद में 607, फतेहाबाद में 565, गुरुग्राम में 1146, हिसार में 801, झज्जर में 583, जींद में 1063, कैथल में 2395 और करनाल में 649 बच्चों ने दाखिला लिया है।
नए सत्र में सरकारी स्कूलों में बच्चों के दाखिलों में आई भारी कमी को देखते हुए जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज ने बताया कि स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सभी अध्यापकों को आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। गांव के साथ-साथ शहरों में पंचायत पार्षदों के अलावा आंगनबाड़ी वर्करों का सहयोग भी लिया जा रहा है।
लोगों ने हमें आश्वासन भी दिया है कि वह अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में कराएंगे अभी तक दाखिला प्रक्रिया जारी है उम्मीद है कि पिछले वर्ष के मुकाबले छात्रों की संख्या को हम बढाएंगे। लेकिन हमारा मानना है की मौलिक शिक्षा अधिकारी को लोगों के आश्वासन पर निर्भर न रहकर शिक्षा प्रणाली को दुरुस्त करना चाहिए। अगर आपके स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक लगन से मेहनत करेंगे तो आने वाले समय में बच्चों की संख्या स्वयं ही बढ़ जाएगी।