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मोदी सरकार ने वापस लिया लेटरल एंट्री से भर्तियों का विज्ञापन, कांग्रेस ने दी तीखी प्रतिक्रिया

साइड एंट्री पर रोक लगाने के फैसले से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने संवेदनशील मुद्दों पर विवादों से बचने के लिए कदम उठाया है। निकट भविष्य में इस पर और राजनीतिक चर्चा हो सकती है.
 
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Breaking News: साइड एंट्री पर रोक लगाने के फैसले से पता चलता है कि केंद्र सरकार ने संवेदनशील मुद्दों पर विवादों से बचने के लिए कदम उठाया है। निकट भविष्य में इस पर और राजनीतिक चर्चा हो सकती है.

यूपीएससी के निर्देश पर लेटरल एंट्री प्रक्रिया अब बंद कर दी गई है
विवाद का आधार आरक्षण न देने का मुद्दा है
कांग्रेस का रुख संविधान का उल्लंघन, मोदी सरकार पर हमला
कांग्रेस सरकारों में भर्ती फर्जीवाड़े पर बीजेपी का पलटवार
50% आरक्षण की सीमा खत्म करने के पक्ष में राहुल गांधी का बयान

लेटरल एंट्री प्रक्रिया पर मौजूदा रोक के कारण सरकार के पास समय है, लेकिन भविष्य में यह मुद्दा विवाद के केंद्र में रह सकता है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बना सकते हैं, वहीं बीजेपी अपनी रणनीति के तहत जवाबी हमला जारी रखेगी.

केंद्र सरकार ने अब सचिवों के विभिन्न पदों पर साइड एंट्री के जरिए होने वाली भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। यह निर्णय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद लिया गया, जिसमें संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को 17 अगस्त, 2024 को प्रकाशित विज्ञापन को वापस लेने का निर्देश दिया गया था। अधिसूचना में 40 से 45 पदों के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से आवेदन आमंत्रित किए गए थे।

विवाद का कारण

कांग्रेस पार्टी ने इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण नहीं देने का मुद्दा उठाया. इसके बाद एनडीए के सहयोगी जेडीयू और एलजेपी (रामविलास) ने भी इस पर आपत्ति जताई. हालांकि टीडीपी ने सरकार का समर्थन किया था, लेकिन विवाद बढ़ता देख खुद प्रधानमंत्री मोदी ने हस्तक्षेप किया और भर्ती प्रक्रिया रोकने का फैसला किया.

कांग्रेस का विरोध और बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस ने साइड-एंट्री फैसले पर मोदी सरकार पर संविधान का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया. जवाब में बीजेपी ने कांग्रेस सरकारों के दौरान हुई भर्ती धोखाधड़ी का जिक्र किया.

जीतेन्द्र सिंह का पत्र

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी को लिखे पत्र में कांग्रेस सरकारों की साइड एंट्रीज का जिक्र किया और कहा कि कांग्रेस ने भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देकर सामाजिक न्याय और आरक्षण की अवधारणा को विकृत कर दिया है.

राहुल गांधी का बयान

राहुल गांधी ने अपनी पूर्व पोस्ट में कहा था कि वह 50 फीसदी आरक्षण की सीमा खत्म करने के पक्ष में हैं ताकि सभी वर्गों को उनका हक मिल सके. उन्होंने मोदी सरकार पर आरएसएस के माध्यम से सिविल सेवकों की भर्ती करने और आरक्षण विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया।