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Rajasthan News: राजस्थान के 2 लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को होंगें पक्के? चेक करें पूरी जानकारी 

राजस्थान के दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी निश्चित नौकरियों और समान वेतन और भत्तों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सरकार की ओर से यह दावा किया गया है कि संविदा कर्मचारियों के लिए पद सृजित किए गए हैं।
 
राजस्थान के 2 लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों को होंगें पक्के?

Rajasthan News: राजस्थान के संविदात्मक कर्मचारियों की स्थायी नौकरी की इच्छा अभी भी सरकारी कानूनों में उलझी हुई है। पिछली सरकार ने भी अनुबंधित कर्मचारियों के लिए एक अलग संवर्ग बनाया था, लेकिन एक निश्चित नौकरी का उपहार अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है। इसके कारण राजस्थान के दो लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी निश्चित नौकरियों और समान वेतन और भत्तों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। सरकार की ओर से यह दावा किया गया है कि संविदा कर्मचारियों के लिए पद सृजित किए गए हैं।

खास बात यह है कि कई विभागों में पदों का सृजन न होने से संविदा कर्मचारियों की उम्मीदें टूट रही हैं। वहीं 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी ऐसे हैं जिनके लिए नई प्रणाली के अनुसार पद बनाए गए हैं, लेकिन वेतन वृद्धि का उपहार नहीं मिला है। वहीं, चिकित्सा विभाग को छोड़कर किसी भी विभाग में संविदा कर्मचारियों को बोनस अंक देकर भर्ती नहीं की गई है।

कर्मचारियों का सवाल - मजदूरी क्यों नहीं बढ़ रही है?
नए कानून के कई बिंदु अनुबंध श्रमिकों पर लक्षित हैं। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने सैकड़ों संविदा कर्मचारियों को अपने दायरे में लिया है, लेकिन वेतन और भत्तों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। कई कर्मचारियों का कहना है कि नए कानून के बाद उनकी छुट्टियों में भी कटौती की गई है।


पिछली सरकार ने यह रोडमैप दिखाया थाः भर्तियों में अलग कोटाः अलग योग्यता सरकार की नई नीति में अनुबंध श्रमिकों को नियमित करने के लिए आने वाले समय में की जाने वाली भर्तियों में अलग कोटा तय करने का प्रावधान था। उदाहरण के लिए, यदि किसी विभाग में पाँच हजार पदों की भर्ती की जानी है, तो उसका तीन से पाँच प्रतिशत अनुबंध श्रमिकों के लिए अलग से निर्धारित किया जाना है।


सभी विभागों में अलग संवर्गः

तबादलों का मार्ग खोला जाएगा और अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों का भी स्थानांतरण नहीं किया जाएगा क्योंकि वे नियमित नहीं हैं। स्थानांतरण विशेष परिस्थितियों में स्थानांतरण को दिया गया नाम है। ऐसे में सरकार ने उनके लिए राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल अप्वाइंटमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2021 बनाने की मंजूरी दे दी है।

2019 में बनी समिति, 2021 में घोषित होंगे नियम
पिछली सरकार के सत्ता में आने के बाद, अनुबंध कर्मचारियों की समस्या को हल करने के लिए 1 जनवरी, 2019 को एक मंत्रिस्तरीय उप-समिति का गठन किया गया था। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री बी. डी. कल्ला को अध्यक्ष बनाया गया था। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भुपेश और खेल मंत्री अशोक चंदना को सदस्य बनाया गया था।

कार्मिक विभाग के प्रधान सचिव को समिति में सदस्य सचिव बनाया गया था। सरकार ने पिछले साल संविदा कर्मचारियों के लिए अलग नियम बनाए थे।
भाजपाः पांच साल पुराना मामला फाइलों में भाजपा सरकार ने 2 जनवरी, 2014 को ठेके पर काम करने वाले श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। पूर्व मंत्री राजेंद्र राठौर समिति के अध्यक्ष थे। तत्कालीन मंत्री यूनुस खान, अजय सिंह को सदस्य बनाया गया।