नायब सैनी सरकार वर्दी भत्ता डालेगी सीधे विद्यार्थियों के खाते में, आज ही बैंक खाते आधार से करें अटैच
शिक्षा विभाग द्वारा हर साल सरकारी स्कूल में पढऩे वाले पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों को वर्दी भत्ता दिया जाता है। पिछले दो वर्ष से यह वर्दी भत्ता सीधे विद्यार्थियों के बैंक खाते में डाला जाता है। इससे पहले जिला स्तर से इन विद्यार्थियों को वर्दी भत्ता उपलब्ध करवाया जाता था, लेकिन जिले के लगभग 15 प्रतिशत बच्चे अब भी वर्दी से वंचित हैं।
इन विद्यार्थियों के खाते आधार लिंक न होने या खाते ही बैंकों में न होने के कारण इनको वर्दी भत्ते का लाभ नहीं मिल सका है। ऐसे में अभिभावक अपनी जेब से ही पैसा लगाकर वर्दी खरीदकर बच्चों को स्कूल में भेज रहे हैं। जिले के सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक लगभग 72765 बच्चे पिछले साल शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। इसमें से लगभग साढ़े दस हजार से ज्यादा बच्चों के बैंक खाते आधार लिंक न होने और खाता न होने के कारण उनके खातों में वर्दी का भत्ता न हीं आ सका। इसके चलते अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि विभाग की तरफ से बार-बार पत्र जारी कर बैंक खातों को आधार लिंक व खाते खुलवाने बारे निर्देश भी दिए गए, लेकिन कोई कार्रवाई अभिभावकों की तरफ से नहीं की गई।
सीधे खातों में डाली जाती है राशि
शिक्षा विभाग द्वारा वर्दी भत्ता सहित अन्य राशि अब स्कूली बच्चों के अभिभावकों के खातों में डाली जाती है। स्कूल द्वारा बच्चे का बैंक में खाता माता-पिता के साथ खुलवाया जाता है। उसी खाते में ही पिछले दो साल से विभाग द्वारा वर्दी भत्ता डाला जाता है। जिन बच्चों के खाते, आधार नंबर व अन्य जानकारी सत्यापित हो जाती है। फि लहाल उनके खातों में ही राशि डाली गई है। बाकी अभी पेंडिंग हैं।
यह है बालवाटिका से आठवीं तक के विद्यार्थियों की संख्या
कक्षा का नाम विद्यार्थियों की संख्या
बालवाटिका 2928
कक्षा 1 4437
कक्षा 2 7347
कक्षा 3 8857
कक्षा 4 9408
कक्षा 5 9422
कक्षा 6 9606
कक्षा 7 10303
कक्षा 8 10303
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष वर्मा ने बताया कि जिला स्तर पर भत्ते से नहीं कोई संबंध, सीधे विद्यार्थियों के खाते में आती है राशि
विद्यार्थियों के वर्दी भत्ते की राशि सीधे विद्यार्थियों के खाते में मुख्यालय द्वारा डाली जाती है। जिन विद्यार्थियों के बैंक खाते आधार से लिंक हैं उनके लिए वर्दी भत्ता मुख्यालय द्वारा मार्च माह में ही डाल दिया गया था। इसकी जिला स्तर पर अब सूचना विभाग ही जारी करता है। प्राइमरी के लिए लगभग 500 व मिडल तक 600 रुपये की राशि जारी की जाती है।