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हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की कमी होगी दूर, सफाई कर्मी और चौकीदारों की भी होगी भर्ती

हरियाणा के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों की कमी होगी दूर, सफाई कर्मी और चौकीदारों की भी होगी भर्ती
 
हरियाणा प्रदेश में सरकारी स्कूल

हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी को दूर करने के साथ-साथ सफाई कर्मी और चौकीदारों की भर्ती भी की जाएगी। स्कूली शिक्षा के मुकाबले के दौर में अभिभावक सरकारी स्कूलों को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

सरकारी स्कूलों में लगातार बढ़ रही बच्चों की संख्या का श्रेय अभिभावकों को जाता है। इतना ही नहीं सरकारी विद्यालय में पढ़े हुए बच्चे आज विभिन्न पाठ्‌यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भी अन्य विद्यार्थियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। हरियाणा की शिक्षा राज्य मंत्री सीमा त्रिखा महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में आयोजित जिला स्तरीय विद्यालय प्रबंधन समिति प्रशिक्षण एवं सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित लोगों को संबोधित कर रही थी।

चयनित हुए करीब साढ़े 07 हजार उन्होंने कहा कि स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) ही विद्यालयों की असली तस्वीर सामने ला सकती है। इस अभियान के तहत अब केवल 04 जिला शेष बचे हैं और एसएमसी के माध्यम से बहुत ही मीठे अनुभव व सुझाव सामने आए।

हरियाणा की टीचर ट्रांसफर पॉलिसी अन्य प्रदेशों के लिए मिसाल बन चुकी है। शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने के लिए सीबीएसई की तर्ज पर मॉडल संस्कृति स्कूल और पीएम श्री स्कूल खोले गए हैं। हरियाणा के लगभग साढ़े 14000 सरकारी स्कूलों में करीब 25 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। अभिभावकों का आहवान करते हुए सीमा त्रिखा ने कहा कि वह पेरेंट्स मीटिंग में अवश्य जाएं, सुधार के लिए अपने सुझाव रखें। मीटिंग का सिलसिला नियमित रूप से जारी रहना चाहिए।

स्कूलों में होगी सफाई कर्मियों और चौकीदारों की भर्ती

सीमा त्रिखा ने कहा कि सरकार स्कूलों में चौकीदार और सफाई कर्मियों की भर्ती करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। सरकार एक एकड़ क्षेत्र में बने सरकारी विद्यालयों में चौकीदार व सफाई कर्मियों के आवास की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। इतना ही नहीं रिक्त पड़े अध्यापकों के पदों को भी भरने की तैयारी है। हाल ही में चयनित हुए करीब 7000 
से भी अधिक टीजीटी अध्यापकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए हैं।

इन सभी को बिना पर्ची-बिना खर्ची के मेरिट के आधार पर नौकरियां प्रदान की गई हैं। सरकार के विभिन्न पोर्टल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन पोर्टल का अर्थ यह है कि मौजूदा सरकार में सिफारिशों का कोई स्थान नहीं है। पोर्टल अगर समाप्त किया जाता है तो इसका अर्थ ईमानदारी खत्म और बेईमानी का दौर शुरू। स्कूलों में
गुड मॉर्निंग कहने की आदत को समाप्त करना होगा और इसकी जगह जय हिंद शब्द का प्रयोग शुरू करें। प्रत्येक अध्यापक को इस पर विशेष गौर करना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान पर देशभर में एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया जा रहा है। प्रत्येक स्कूल में अभिभावकों को बुलाकर उनसे पौधारोपण करवाना चाहिए। साथ ही एक पेड़ संतान के नाम भी लगाना चाहिए।