हरियाणा प्रदेश के सरकारी स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने में एसएलसी की हो रही परेशानी
हरियाणा प्रदेश में इन दिनों स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकारी व निजी स्कूलों में होड़ चल रही है। प्रवेश उत्सव के तहत राजकीय स्कूलों के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर अभिभावकों को अपने बच्चों के दाखिले सरकारी स्कूलों में दिलवाने को लेकर प्रयास कर रहे हैं। अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला प्राइवेट स्कूलों की जगह सरकारी स्कूलों में करवाने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं, लेकिन निजी स्कूलों से एसएलसी लेने में अभिभावकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इसको लेकर स्कूल संचलाकों का कहना है कि अभिभावकों की ओर से बच्चों की लंबित फीस नहीं दी गई। जिस समय अभिभावक बच्चों की बकाया फीस देंगे तो वह एसएलसी दे सकते हैं। मंगलवार को ही प्राइवेट स्कू लों के लिए विभाग ने एमआईएस पोर्टल को खोला है। स्कूल संचालक देखे कि विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम क्या रहा है और वह प्रमोट हुए या नहीं, इसके बाद ही एसएलसी दी जाएगी। मैन्युअल तौर पर दी गई एसएलसी मान्य नहीं है। ऐसे में प्राइवेट स्कूल संचालकों को विद्यार्थियों को एसएलसी देने में समय लग सकता है। वहीं राजकीय स्कूलों में घट रही छात्र संख्या को देखते हुए इस सत्र में महानिदेशक ने शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों के दाखिले सरकारी स्कूलों में बढ़ाने के निर्देश दिए थे। सत्र 2022-23 में जिले के 700 से ज्यादा राजकीय स्कू लों में छात्र संख्या एक लाख 30 हजार 901 थी, वहीं 2023-24 में छात्र संख्या घट कर 107884 थी। वहीं डोर टू डोर अभियान का असर दिख रहा है कि अभिभावक अपने बच्चों का दाखिला सरकारी स्कूलों में करवाने के लिए जा रहे हैं।
यह जानकारी देकर करते हैं बच्चों को जागरूक
राजकीय स्कूलों के शिक्षक घर-घर जाकर अभिभावकों को अवसर मोबाइल एप के माध्यम से परीक्षा, सुपर 100 स्कीम के तहत नीट और जेईई की निशुल्क तैयारी के लिए प्रशिक्षण, हर माह बच्चे और अभिभावकों के साथ शिक्षकों की बैठक, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए निशुल्क जांच शिविर, अनुसूचित जाति के छठी एवं नौवीं के विद्यार्थियों के लिए मुफ्त साइकिल सुविधा, विद्यार्थियों को मुफ्त वर्दी, पुस्तकें, स्कूल बैग और स्टेशनरी, विद्यार्थियों के लिए अनेक प्रकार की छात्रवृत्ति, विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए योजना के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
निजी स्कूल संचालकों से मांगा जाएगा जवाब
जिला शिक्षा अधिकारी , सुमित्रा देवी ने बताया कि अभिभावकों की शिकायत आ रही हैं कि निजी स्कू ल संचालक उनके बच्चों का एसएलसी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में उन्हें अपने बच्चों का दाखिला दूसरे स्कूलों में करवाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए स्कूल संचालकों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।