Success story: सिरसा जिले के बेटे ने लहराया सफलता का परचम, बाप प्लंबर और बेटा बना अफ़सर
Success story: हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के खेड़ी गांव के छोरे ने बड़ा अफसर बन सफलता का परचम लहरा दिया। आज हम जिस लड़के की सफलता की बात कर रहे हैं वह सिरसा जिले के छोटे से गांव खेड़ी में रहने वाले और प्लंबर की नौकरी करने वाले कृष्णा खालिया के पुत्र हैं।
आपको बता दें कि कृष्ण खालिया के पुत्र सुभाष ने सीआईएसएफ सब इंस्पेक्टर के पद पर चयनित होकर परिवार के साथ-साथ संपूर्ण गांव का नाम भी रोशन कर दिया। सुभाष का चयन सीआईएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर होने के बाद संपूर्ण गांव में लोग गर्व की अनुभूति कर रहे हैं। सिरसा जिले में एक प्लंबर के बेटे ने बड़ा अफसर बनकर बाप की इच्छा पूरी करने का काम किया है। खेड़ी गांव के रहने वाले सुभाष ने सीआईएफ की परीक्षा पास कर सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात होकर अपने पिता की इच्छा पूरी कर दी।
स्वास्थ्य के पिता हैं प्लंबर की नौकरी से रिटायर्ड
आपको बता दें कि सुभाष के पिता एक प्लंबर की नौकरी करते थे। जो 2 साल पहले नौकरी से रिटायरमेंट ले चुके हैं। उनकी ड्यूटी सिरसा जिले के गांव कुमारिया में लगी हुई थी। सुभाष के पिता कृष्ण कुमार बताते हैं कि मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि एक प्लंबर का बेटा भी सब इंस्पेक्टर बन सकता है।
उन्होंने कहा कि मेरी शुरू से यह इच्छा थी कि मेरा बेटा एक सैनिक बनकर देश की सेवा करें। मेरी इस इच्छा को मेरे बेटे ने सीआईएसफ में सब इंस्पेक्टर की नौकरी हासिल कर पूरी कर दी है। आपको बता दें कि हरियाणा के रहने वाले सुभाष की ड्यूटी अब देश की माया नगरी कहे जाने वाले मुंबई शहर में लगी हुई है। सुभाष ने बड़ा अधिकारी बनने के बाद अपने पिता के सपनों को पूरा करने हेतु उन्हें मुंबई की यात्रा के लिए बुलाया और संपूर्ण मुंबई की सैर करवाई।
सुभाष सीआईएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर मुंबई के कॉरपोरेट ऑफिस में हैं तैनात
हरियाणा प्रदेश के सिरसा जिले के गांव खेड़ी के प्लंबर की नौकरी करने वाले कृष्ण खालिया की जो कहानी हम आपको बता रहे हैं वह उनके बेटे सुभाष चंद्र की मेहनत के चलते संभव हो पाई है। आपको बता दे कि सुभाष चंद्र ने सीआईएसफ का एग्जाम क्लियर कर सब इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया है।
सुभाष कुमार की ड्यूटी सीआईएसफ में सब इंस्पेक्टर के तौर पर मुंबई के कॉरपोरेट ऑफिस में लगी हुई है। सुभाष चंद्र ने बताया कि मैंने जब सब इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था तब मेरा सबसे बड़ा सपना था कि मेरे माता-पिता को मुंबई जैसे बड़े शहरों की यात्रा करवा कर बाहर की दुनियादारी से परिचित करवाना था।
क्योंकि हम जिस क्षेत्र और समाज से आते हैं वहां पर हमारी दुनिया घर और तक ही सीमित रहती है। मेरे पिता ने मुझे कामयाब करने हेतु अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था। अब मेरा वक्त है कि मुझे भी मेरे पिता के हर सपने को पूरा करना चाहिए।
मुंबई की दुनिया और हमारे गांव की दुनिया में है जमीन आसमान का अंतर
एक छोटे से गांव में प्लंबर की नौकरी करने वाले कृष्ण खालिया ने बताया कि हमने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मुंबई आकर इतने बड़े होटल में रुक सकते हैं और बड़े-बड़े बिजनेसमैन से मुलाकात कर सकते हैं। क्योंकि एक प्लंबर की नौकरी करने वाले व्यक्ति की दुनिया उसके गांव और जिले तक ही सीमित होती है। यहां आकर तो हमें ऐसा लगता है जैसे किसी दूसरी दुनिया में आ गए हो। हमारा मुंबई देखने का सपना बेटे सुभाष के सीआईएसफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन होने पर ही संभव हो पाया है।