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हरियाणा शिक्षा बोर्ड के स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को जमा करना होगा ऑनलाइन शुल्क, शिक्षा विभाग ने किए आदेश जारी

Students studying in schools of Haryana Education Board will have to deposit fees online, Education Department issued orders.
 
हरियाणा शिक्षा बोर्ड

हरियाणा प्रदेश में हरियाणा बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) अपने अधीन आने वाले स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्रों की फीस को लेकर नया आदेश जारी किया है। हरियाणा प्रदेश में 1 अप्रैल से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र में बड़ी कक्षा के छात्र (9वीं से 12वीं) अब अपनी फीस ऑनलाइन जमा करवा सकेंगे। आपको बता दे कि पहले छात्रों द्वारा की जाने वाली फीस को कैस में लिया जाता था।

 

लेकिन अब हरियाणा बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) ने कैशलेस ट्रांजैक्शन की शुरुआत करने हेतु आदेश जारी कर दिए हैं।
हरियाणा बोर्ड का स्कूल एजुकेशन (HBSE) के अधिकारियों ने बताया कि अब 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्र केवल ऑनलाइन ही फीस शुल्क जमा कर सकेंगे। इन विद्यार्थियों को ऑनलाइन फीस जमा करने हेतु बाकायदा विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके अलावा ऑनलाइन फीस जमा करने के दौरान अगर किसी विद्यार्थी को कोई परेशानी आती है तो उन विद्यार्थियों की मदद के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा।


हरियाणा बोर्ड का स्कूल एजुकेशन (HBSE) के अधिकारियों ने आदेश जारी करते हुए कहा कि शुरू हो रहे नए शैक्षणिक क्षेत्र में हरियाणा बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) के नीचे पढ़ाई कर रहे नोवीं से 12वीं तक के छात्र अब  अपनी फीस केवल ऑनलाइन ही जमा कर सकेंगे। अब इन छात्रों की ऑफलाइन फीस भरने की सुविधा को बंद कर दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को ऑफलाइन फीस भरने में आ रही समस्याओं के चलते ऑनलाइन फीस जमा करने की सुविधा शुरू की है।

 


हरियाणा बोर्ड का स्कूल एजुकेशन (HBSE) की तरफ से शुरू हो रहे नए शैक्षणिक सत्र में बेसिक शिक्षा स्थिर अकादमी सत्र के लिए लिए छात्रों हेतु लगभग 9 करोड़ से अधिक रुपये जारी किए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा जारी किए गए इस बजट में कक्षा पहले से पांचवी तक के छात्रों के लिए 36 रुपए पर विद्यार्थी जारी किए हैं। वहीं  पांचवी क्लास से आठवीं क्लास तक के छात्रों के लिए प्रति छात्र 94 रुपये की राशि जारी की है।

 

आपको बता दें की सरकार द्वारा हरियाणा बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन (HBSE) के तहत आने वाले स्कूलों में पढ़ रहे लगभग 15 लाख से अधिक बच्चों हेतु जारी किया गया है।