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Success Story: 6 बार असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार, आखिर में किया UPSC की परीक्षा को क्रेक 

 
6 बार असफल होने के बाद भी नहीं मानी हार

IFS prateeksha Nanasaheb Kale Success Story : कहा जाता है कि मेहनत करने वालों की हार नहीं होती है। ऐसी ही मिसाल प्रतीक्षा नानासाहेब काले बनी। प्रतिक्षा महाराष्ट्र के लातूर की रहने वाली है।

प्रतिक्षा के घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौल था, क्योंकि उनके पिता लेक्चचर है। प्रतिक्षा ने 12वीं तक की पढ़ाई लातूर से की। उसके बाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक(B.Tech) की डिग्री हासिल की।

B.Tech करने बाद प्रतिक्षा ने नौकरी नहीं की बल्कि सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की। 2015 में पहली UPSC की परीक्षा दी। लेकिन उसमें प्रीलिम्‍स की परीक्षा को भी पास नहीं कर पाई। उसके बाद  वर्ष 2016 और 2017 में भी वो असफल रही।

उसके बाद 2018 में फिर से UPSC की तैयारी की और 4 नंबरों से प्रतिक्षा का सेलेक्शन नहीं हुआ। लगातार 4 बार असफल होने के बाद भी प्रतिक्षा ने हार नहीं मानी। उसके बाद फिर से प्रतिक्षा ने तैयारी शुरू कर दी।

वर्ष 2019 में उन्‍हें कोयंबटूर की ‘सेंट्रल एकेडमी फॉर स्टेट फॉरेस्ट सर्विस’ में दो साल की ट्रेनिंग ली। प्रतिक्षा ने तीन साल का ब्रेक लिया उसके बाद UPSC की तैयारी शुरू कर दी। 

2019 में प्रतिक्षा ने सिविल सर्विस की परीक्षा दी और उन्होंने प्रीलिम्‍स पास कर लिया। जब मेंस की बारी आई, तो उन्‍हें डेंगू हो गया। प्रतिक्षा के घरवालों ने मना किया कि इस परीक्षा को छोड़ दे।

लेकिन प्रतिक्षा ने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी और मेंस की परीक्षा दी। उसमें सफलता पाने के बाद इंटरव्यू में पहुंच गई, पर फाइनल में प्रतिक्षा सेलेक्ट नहीं हो पाई । साल 2023 में प्रतिक्षा ने फिर से UPSC की परीक्षा दी और फाइनली प्रतिक्षा IFS अधिकारी बन गई।