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Success Story : खाने को भी तरस गई थी ये महिला अधिकारी, फिर किया UPSC में टॉप, जानें फर्श से अर्श तक की कहानी 

देशभर में UPSC की परीक्षा को सबसे कठिन माना जाता है। बहुत कम लोग होते है जो इस परीक्षा को पास करके IAS या IPS अधिकारी बनते है। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला अधिकारी के बारे में बताने जा रहे है। जिनके पास एक टाइम खाना खाने के पैसे नहीं होते थे। उन्होंने अपनी मेहनत से ये मुकाम हासिल किया है।  
 
खाने को भी तरस गई थी ये महिला अधिकारी, फिर किया UPSC में टॉप

Success Story : कहते हैं कि अगर इरादे मजबूत हो और कड़ी मेहनत की जाए तो सफलता मिलना मुश्किल नहीं होता है। इसी बात को सच साबित कर दिखाया है कि कन्नौज जिले की ए.आर.टी.ओ(A.R.T.O) इज्या तिवारी ने। जिंदगी की हर परीक्षा में डटकर उसका सामना करना चाहिए।

छोटी सी उम्र में पिता का सर से साया उठ गया, मां सदमे में चली गई। लेकिन उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति और दिन-रात की कड़ी मेहनत से सफलता पाई। लखनऊ निवासी इज्या तिवारी की जिले में पहली बार परिवहन विभाग की महिला अधिकारी यानी एआरटीओ के रूप में तैनाती हुई है।

करीब 12 साल की उम्र में पिता की बीमारी के चलते मृत्य हो गई। तब इज्या तिवारी ने 8वी क्लास में पढ़ती थी। पिता की बीमारी में सारी जमापूंजी खर्च हो गई। एक वक्त ऐसा आ गया जब अपनो ने भी साथ छोड़ दिया पैतृक घर भी चला गया।

उन्हें किराए के घर रहना पड़ा। पिता के जाने के बाद मां की मनोदशा ठीक नही रहती थी। घर में खाने तक को पैसे नही थे। जिसके बाद बेटी ने बेटो से आगे बढ़कर अपनी मां का सहारा खुद बनी। इज्या तिवारी अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं।

पहले ही प्रयास में मिली सफलता

इज्या ने बताया कि जीवन के शुरुआती दिन बहुत कठिन थे। पिता के जाने बाद सब कुछ बदल गया बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बहुत अपने लोगो ने साथ छोड़ दिया। लेकिन मैंने हार नही मानी। ब्राइट लाइन इंटर कालेज के अध्यापक मेरे गुरु ने मुझे पैसे न होने के बाद भी मुझे निशुल्क शिक्षा दी।

मुझे पढ़ना लिखना अच्छा लगता था और मैं पढ़ने में अच्छी थी। 12 साल की उम्र के बाद से ही मेरा संघर्ष शुरू हो गया था। कड़ी मेहनत कर बैंक में नौकरी लग गई। जिसके बाद भी मैंने अपनी पढ़ाई जारी रखी।

बैंक से लौटने के बाद रात में घंटो पढ़ाई करती थी। करीब 4 साल तक बहुत कड़ी मेहनत की। जिसके बाद उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग में पहले ही प्रयास में सफलता मिली।

खुद भी पढ़ा और मां को भी पढ़ाया

इज्या ने अपने कॉलेज के समय ट्यूशन पढ़ाया। इज्या ने अपनी मां को भी आगे पढ़ने को प्रेरित किया। ग्रैजुएशन की पढ़ाई कराई। पिता की मृत्यु के बाद मां टूट गई थी, कई मुश्किलो का सामना कर मां को संभाला। बेटी की जगह अपनी मां की मां बन उनकी सेवा की।

2014 में बैंक में नौकरी लगने के बाद भी इज्या ने अपनी मां का ध्यान रखते हुए 10 से 5 की नौकरी के बाद रात में 9 से 2-3 बजे रात तक कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई कर यूपीपीसीएस की तैयारी शुरू कर दी।

तैयारी के दौरान इज्या ने किसी भी ट्यूशन का सहारा नही लिया। ऑनलाइन और अन्य सोर्स से अपनी पढ़ाई करती रही। 2018 बैच में पहले ही प्रयास में इज्या तिवारी को सफलता मिली।