आदित्य L-1: इसरो ने फिर रचा इतिहास आदित्य L1 मिशन की हुई सफल लॉन्चिंग जाने आदित्य L-1 मिशन का क्या है उद्देश्य?
इसरो ने मिशन आदित्य L-1 लॉन्च कर दिया है। इसे PSLV XL रॉकेट के जरिए हरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया है। इस स्पेसक्राफ्ट को अपनी तहत जगह तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।स्पेसक्राफ्ट आदित्य L-1 सूरज और पृथ्वी के बीच मौजूद L-1 पॉइंट पर रहकर सूरज की स्टडी करेगा। वही यह अब करीब 1 घंटे बाद आदित्य L-1 अपनी कक्षा में पहुंचेगा।
बता दें आदित्य-एल1 मिशन को सौर गतिविधियों का अध्ययन करने के लिए लॉन्च किया है। यान के पेलोड (उपकरण) सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना, फोटोस्फेयर और क्रोमोस्फीयर, कोरोनल मास इंजेक्शन (सूर्य में होने वाले शक्तिशाली विस्फोट), प्री-फ्लेयर और फ्लेयर गतिविधियां
और उनकी विशेषताएं, सौर तूफान की उत्पत्ति आदि कारकों का अध्ययन करेगा। वर्तमान समय में इसरो इस बात पर भी अध्ययन करेगा कि आखिर अंतरिक्ष के मौसम पर सूर्य की गतिविधियों का क्या प्रभाव पड़ता है।
आदित्य L-1 को अंतरिक्ष में ले जाने वाले रॉकेट की खासियतें
आदित्य L-1 को PSLV-XL के जरिए लॉन्च किया गया
- • यह रॉकेट 145.62 फीट ऊंचा है।
- • लॉन्चिंग के समय इसका वजन 321 टन होगा
- • PSLV-XL 4 स्टेज का रॉकेट है।
- * लॉन्च के करीब 63 मिनट बाद आदित्य L-1 से रॉकेट अलग जाएगा
- • रोकिट आदित्य L-1 को धरती की अंतिम कक्षा में छोड़ेगा