विद्यालय में शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति पर लगी रोक।
Ban on online attendance of teachers in school

विद्यालय में ऑनलाइन उपस्थिति का विरोध कर रहे प्राथमिक शिक्षकों को राहत मिल चुकी है योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने आदेश को स्थगित करते हुए निर्णय लिया है कि इसे लागू करने से पहले विशेष कमेटी का गठन करके उसकी राय ली जाएगी।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षक प्रतिनिधियों की बैठक के बाद आनलाइन उपस्थिति को अग्रिम आदेश तक स्थगित करने का आदेश जारी किया गया। अगले दो दिनों के भीतर विशेषज्ञ कमेटी का गठन कर लिया जाएगा, जो शिक्षकों की मांगों और व्यावहारिकता को देखते हुए कोई सर्वमान्य फार्मूला तय करेगी। अभी हाजिरी की व्यवस्था पूर्ववत रजिस्टर पर रहेगी। उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षकों, शिक्षा मित्रों और संविदा शिक्षकों की संख्या छह लाख, नौ हजार है, जो आनलाइन उपस्थिति के आदेश से आक्रोशित थे। गत आठ जुलाई से संयुक्तरूप से इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इसे देखते हुए ही मंगलवार को मुख्य सचिव कार्यालय कक्ष में बैठक बुलाई गई। इसमें शिक्षक, शिक्षामित्र, संविदा शिक्षक व संयुक्त संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष रखा।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा ने कहा कि शिक्षक काफी दूरदराज व दुर्गम क्षेत्रों में स्थित स्कूलों में भी पढ़ाते हैं। ऐसे में थोड़ी-सी भी देर होने पर उनका पूरा वेतन काटना उचित नहीं होगा। उधर, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों ने बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह से मुलाकात कर यह मुद्दा उठाया। संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संरक्षक व उप्र बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि यह शिक्षकों की क्षणिक जीत है। 29 जुलाई को मोर्चा निदेशालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
मुख्य सचिव के साथ हुइ बैठक के बाद अग्रिम आदेश तक पुरानी व्यवस्था को किया गया है बहाल