Bharat Ratna 2024 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस महान हस्ती को भारत रत्न से किया सम्मानित, पीएम मोदी भी रहे मौजूद
Bharat Ratna 2024 : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को लालकृष्ण आडवाणी के घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी वहां मौजूद रहे।
भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेताओं में शुमार लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी को गुमनामी से निकालकर सत्ता के शिखर तक पहुंचाने का श्रेय दिया जाता है।
1990 के दशक में उनकी रथयात्रा के बाद ही बीजेपी राष्ट्रीय राजनीति में उभर कर सामने आई। 3 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार प्रदान करने की घोषणा की थी।
1980 में बीजेपी की स्थापना के बाद से लालकृष्ण आडवाणी ने सबसे लंबे समय तक बीजेपी के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। लगभग तीन दशकों के संसदीय करियर के दौरान, लालकृष्ण आडवाणी पहले गृह मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार (1999-2004) के मंत्रिमंडल में उप प्रधानमंत्री रहे।
कराची में जन्म, बंटवारे के बाद आए भारत
8 नवंबर, 1927 को कराची, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में पैदा हुए लालकृष्ण आडवाणी विभाजन के बाद भारत आ गए। यहां उन्होंने हैदराबाद के डीजी नेशनल कॉलेज से स्नातक करने के बाद, मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की।
इसके बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में शामिल हो गए और 1947 में राजस्थान में इसकी गतिविधियों की कमान संभाली।
जब 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ (बीजेएस) की स्थापना की तो लालकृष्ण आडवाणी पार्टी की राजस्थान इकाई के सचिव बने और 1970 तक इस पद पर बने रहे।
1960-1967 तक, वह जनसंघ की राजनीतिक पत्रिका ऑर्गनाइज़र में भी थे, जहां उन्होंने सहायक संपादक के रूप में काम किया। 1970 के बाद वह देश की सभी राजनीतिक गतिविधियों के केंद्र के करीब चले गये और पार्टी की दिल्ली इकाई में शामिल हो गये।
#WATCH | President Droupadi Murmu confers Bharat Ratna upon veteran BJP leader LK Advani at the latter's residence in Delhi.
— ANI (@ANI) March 31, 2024
Prime Minister Narendra Modi, Vice President Jagdeep Dhankhar, former Vice President M. Venkaiah Naidu are also present on this occasion. pic.twitter.com/eYSPoTNSPL
जनता पार्टी सरकार में पहली बार बने मंत्री
1970 में वह राज्यसभा के सदस्य बने और 1989 तक इस पद पर बरकरार रहे। वह बीजेएस के अध्यक्ष चुने गए और 1977 तक इस पद पर बने रहे। इसके बाद जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री बने।
मंत्री रहने के दौरान उन्होंने प्रेस सेंसरशिप को समाप्त कर दिया। आपातकाल के दौरान बनाए गए सभी प्रेस विरोधी कानूनों को रद्द कर दिया और मीडिया की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सुधारों को संस्थागत बनाया।
मोराजी देसाई सरकार के पतन और जनसंघ के टूटने के बाद, लालकृष्ण आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में 1980 में एक नई राजनीतिक पार्टी, बीजेपी का गठन किया गया।
पार्टी को लोकप्रिय बनाने और अपने एजेंडे को प्रचारित करने के लिए, लालकृष्ण आडवाणी ने 1990 के दशक में पूरे भारत में रथयात्राओं की एक श्रृंखला शुरू की। वह 1998 में गांधीनगर, गुजरात से लोकसभा के लिए चुने गए।
बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में वह दो बार केंद्रीय गृह मंत्री बने। लालकृष्ण आडवाणी को 2002 में उप प्रधान मंत्री बनाया गया। 2004 के आम चुनावों में अपनी पार्टी की हार के बाद, वह लोकसभा में विपक्ष के नेता बने।
2009 के आम चुनाव में वह अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में सामने आए, लेकिन पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।
राष्ट्रपति ने इन चार विभूतियों को भी दिया भारत रत्न सम्मान
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को देश की चार महान हस्तियों – पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव एवं चौधरी चरण सिंह, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर और देश के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न से सम्मानित किया था। इन चारों विभूतियों को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया।
राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिन्हा राव के बेटे पीवी प्रभारक और कर्पूरी ठाकुर के बेटे रामनाथ ठाकुर ने यह सम्मान प्राप्त किया।
वहीं देश के एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी चरण सिंह के पोते ने यह सम्मान प्राप्त किया, जबकि प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से यह सम्मान प्राप्त किया।