केंद्र सरकार ने किसानों को दिया बड़ा तोहफा, सरकार ने किसानों हेतु की यह बड़ी घोषणा
Central government gave a big gift to the farmers, the government made this big announcement for the farmers
केंद्र सरकार ने किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बड़ा तोहफा दिया है। आपको बता दे की हरियाणा प्रदेश में पिछले लगभग एक महीने से किसान अपनी गेहूं की फसल को बेचने हेतु प्रदेश की विभिन्न मंडियों में ले जा रहे हैं। गेहूं खरीद हेतु सरकार ने एक समय सीमा निर्धारित की थी जो पूर्ण हो चुके थी। लेकिन अभी काफी किस ऐसे थे जो किसी कारणवश अपनी गेहूं की फसल बेच नहीं सके थे।
ऐसे किसानों को सरकार ने बड़ा तोहफा देते हुए गेहूं खरीद की अंतिम तारीख 22 मई कर दी है। जो किसान अभी तक अपनी गेहूं की फसल को बेच नहीं पाए थे, वह अब 22 मई तक अनाज मंडी में सरकारी रेट पर गेहूं की फसल को बेच सकते हैं। केंद्र सरकार ने यह फैसला हरियाणा प्रदेश में इस बार गेहूं की खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाने के चलते लिया है। हरियाणा प्रदेश में गेहूं की खरीद हेतु अंतिम तिथि 15 मई निर्धारित की गई थी जिसे सरकार ने बढ़कर अब 22 मई कर दिया है।
ज्ञात हो कि 15 मई तक हरियाणा प्रदेश में 69.90 लाख मैट्रिक टन गेहूं की आवक ही हो पाई थी लेकिन सरकार का लक्ष्य 80 लाख मी रिटर्न गेहूं खरीद का था। जो पूरा नहीं हो पाया था। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने हरियाणा में गेहूं के खरीद को 22 मई तक बढ़ा दिया है।
सरकार ने हरियाणा प्रदेश की मंडियों से सरसों और गेहूं के उठान का कार्य लगभग पूरा कर लिया है। हरियाणा प्रदेश से की मंडियों में अब गेहूं उठान का थोड़ा बहुत ही कार्य बचा हुआ है। आपको बता दे कि बीते वर्ष हरियाणा प्रदेश मकी मंडियों में लगभग 62 लाख टन गेहूं की आवक हुई थी।
इसे देखते हुए इस बार सरकार ने प्रदेश की मंडियों में 80 लाख टन गेहूं की आवक होने का अनुमान लगाया था। लेकिन प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों में काफी नुकसान पहुंचा था और इसी के चलते गेहूं की आवक भी इस बार अनुमानित लक्ष्य से कम रही।
अगर हम 2022-23 की बात करें तो 2022-23 में प्रदेश में गेहूं की आवक मात्र 41 लाख टन हुई थी। ज्ञात हो कि इस बार मार्च अप्रैल में तेज बारिश और ओलावृष्टि से हरियाणा प्रदेश में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था। भारी बारिश और ओलावृष्टि होने के कारण किसानों ने प्रदेश सरकार के पोर्टल पर 12 लाख एकड़ खराब फसल के लिए मुआवजा राशि की मांग भी की थी।
इस वर्ष मार्च 2024 को ही तेज बारिश और ओलावृष्टि से तकरीबन प्रदेश में 10 लाख एकड़ से अधिक फसल को नुकसान पहुंचा था। जिसके चलते इस बार प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आवक अनुमानित लक्ष्य से कम हुई है। अब एक बार फिर केंद्र सरकार ने किसानों को अपनी गेहूं की फसल को बेचने हेतु 22 मई तक की मोहल्लत दी है।