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करोड़ों मजदूरों की हो गई बल्ले-बल्ले, मोदी सरकार देगी यह बड़ा तोहफा

करोड़ों मजदूरों की हो गई बल्ले-बल्ले, मोदी सरकार देगी यह बड़ा तोहफा
 
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देश के अंदर करोड़ की संख्या में काम कर रहे मजदूरों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा मिलने वाला है। केंद्र सरकार असंगठित सेक्टर में काम कर रहे श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी का एक फ्लोर लेवल जारी करने जा रही है। केंद्र सरकार की फैसले के बाद श्रम मंत्रालय इसकी तैयारी में जुट गया है।

मोदी सरकार के इस फैसले का पालन करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य होगा। इस फ्लोर लेवल के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी देना भी अनिवार्य होगा। हालांकि वर्तमान राज्य केंद्र सरकार की न्यूनतम मजदूरी के फ्लोर लेवल को मानने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि श्रम संबंधी विषय संविधान की समवर्ती सूची में शामिल हैं। इसलिए केंद्र व राज्य दोनों ही अपनी-अपनी सुविधा के हिसाब से न्यूनतम मजदूरी तय करते हैं।

50 करोड़ असंगठित सेक्टर के मजदूरों को मिलेगा लाभ

केंद्र सरकार के इस कदम से देश के अंदर लगभग 50 करोड़ असंगठित सेक्टर के श्रमिकों को लाभ मिल सकता है। क्योंकि भाजपा व गैर भाजपा शासित दोनों ही राज्य केंद्र के इस कदम का समर्थन करेंगे। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने तो अपने घोषणा पत्र में न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 400 रुपए करने का वादा भी किया था।


श्रम मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक केंद्र इस मामले में कानून लाने जा रहा है ताकि कोई भी राज्य केंद्र की तरफ से तय न्यूनतम मजदूरी से कम मजदूरी किसी श्रमिक को नहीं दे सके। हालांकि राज्य केंद्र की तरफ से तय न्यूनतम मजदूरी से अधिक मजदूरी दे सकता है।
आपको बता दें कि वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने न्यूनतम मजदूरी के फ्लोर लेवल को अपडेट कर 176 रुपए प्रतिदिन किया था।

लेकिन श्रम मंत्रालय इस बार न्यूनतम मजदूरी की जगह न्यूनतम जीवनयापन लागत तय करने की तैयारी में है। केंद्र सरकार न्यूनतम मजदूरी श्रमिकों को शोषण से बचाने के लिए तय की जाती है जबकि जीवनयापन लागत में रोटी-कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी जरूरतों के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी जरूरतों को भी सरकार द्वारा इसमें शामिल किया जाता है।

राज्य कुशल व गैर कुशल दोनों प्रकार के श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी को अपडेट करते रहते हैं। अगर वर्तमान में मिलने वाली न्यूनतम मजदूरी की बात करें तो राज्यों में गैर कुशल श्रमिकों के लिए अभी न्यूनतम मजदूरी औसतन 7000-12,000 रुपए प्रतिमाह के बीच है। दिल्ली में गैर कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 17,200 रुपए प्रतिमाह है।