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Delhi Mumbai Expressway:  अब राजस्थान-हरियाणा में बनेगा 6 लेन का नया एक्सप्रेस वे, इन राज्यों को मिलेगा फायदा 

हाल ही में केन्द्र सरकार ने हरियाणा और राजस्थान को बड़ी सौगात देने जा रही है। बताया जा रहा है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट किया जाएगा। ये हाईवे 6 लेन का बनाया जाएगा। 
 
अब राजस्थान-हरियाणा में बनेगा 6 लेन का नया एक्सप्रेस वे

Delhi Mumbai Expressway : राजस्थान और हरियाणा को एक और एक्सप्रेस वे की सौगात मिलने वाली है। यह ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे 6 लेन और 86 किलोमीटर लंबा होगा। दरअसल, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट किया जाएगा।

माना जा रहा है कि जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) करीब1400 करोड़ रुपये खर्च कर इसका निर्माण करेगा।

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जो 86 किलोमीटर लंबा होगा वो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे से कनेक्ट करेगा। यह हाईवे हरियाणा के नारनौल से राजस्थान के अलवर तक बनाया जाएगा।

इस प्रोजेक्ट पर NHAI करीब 1400 करोड़ रुपये खर्च करेगा। बताया जा रहा है कि इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

जानें क्या है पूरा रूट

यह एक्सप्रेसवे मुंबई एक्सप्रेसवे पर राजस्थान के अलवर से शुरू होगा। 86 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया जाएगा। इसे दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर राजस्थान के कोटपूतली के नजदीक पनियाला गांव के नजदीक से कनेक्टर किया जाएगा।

अभी ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेसवे पनियाला के नजदीक दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ा हुआ है।

कई राज्यों को होगा फायदा

फिलहाल अंबाला से मुंबई जाने के लिए गाड़ियों को दिल्ली में एंट्री करना पड़ता है। दिल्ली में ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से 1.30 से 2 घंटे का अतिरिक्त समय लग जाता है।

इस एक्सप्रेस वे  के बनने के बाद चंडीगढ़, पंचकूला, पंजाब या अंबाला के ट्रैफिक को मुंबई की तरफ जाने के लिए अब दिल्ली जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

लोग ट्रांस हरियाणा एक्सप्रेस वे से होते हुए प्रस्तावित अलवर-कोटपूतली-अंबाला एक्सप्रेसवे से होकर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अलवर के नजदीक कनेक्ट हो जाएगी।

इस एक्सप्रेस वे से अंबाला से मुंबई आने-जाने में लोगों के 3 से 4 घंटे की बचत हो सकती है। इस एक्सप्रेस वे से दिल्ली-एनसीआर पर ट्रैफिर का बोझ कम होगा। इतना ही नहीं मुंबई और उत्तर भारत के राज्यों में यात्रा का समय कम होगा।