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Endometriosis Disease: इन 5 लक्षणों को कभी न करें नजरअंदाज, पीरियड्स में हो सकती है भंयकर बीमारी 

आज हम आपको एक ऐसी बीमारी के बारे में बता रहे है। यह बीमारी महिलाओं  के गर्भाशय में होती है।  ये बीमारी अन्य अंगों में फैल जाती है। आइये जानते है विस्तार से 

 
इन 5 लक्षणों को कभी न करें नजरअंदाज

Endometriosis Treatments : अगर बीमारियों का पता सही वक्त पर लग जाए, तो उनका इलाज कर लोगों को काफी राहत मिल सकती है। हालांकि कई बीमारियां ऐसी होती हैं, जिनके शुरुआत में स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते हैं। इसकी वजह से लोगों को इसका लंबे समय तक पता ही नहीं लग पाता है।

ऐसी ही एक बीमारी एंडोमेट्रियोसिस है, जो महिलाओं के गर्भाशय और अन्य अंगों में फैल जाती है। इससे उन्हें भयंकर दर्द का सामना करना पड़ता है और कई बार इसकी वजह से वे मां बनने का सुख प्राप्त नहीं कर पाती हैं।

आखिर एंडोमेट्रियोसिस क्या है और इसका पता कैसे लगाया जाए? इन सभी सवालों के जवाब एक्सपर्ट्स से जान लेते हैं। महिलाओं के गर्भाशय में एक लाइनिंग होती है, जिसे एंडोमेट्रियम कहते हैं।

जब इस जैसा टिश्यू (Tissue) गर्भाशय के बाहर अंडाशय, पेरिटोनियम या फैलोपियन ट्यूब में मिले, तब इस कंडीशन को एंडोमेट्रियोसिस कहा जाता है। इस तरह का टिश्यू शरीर के किसी भी हिस्से में मिल सकता है। यह आंत, अपेंडिक्स, फेफड़े, लिवर और ब्रेन में भी मिल सकता है।

पीरियड्स के दौरान बहुत तेज दर्द आमतौर पर एंडोमेट्रियोसिस का मुख्य लक्षण होता है। यह दर्द इतना गंभीर होता है कि कई बार महिलाएं इसकी वजह से चलने-फिरने में भी परेशानी महसूस करती हैं। इस बीमारी से महिलाओं की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित होती है।

इस बीमारी की वजह से महिलाओं को पीरियड से पहले, पीरियड के समय या इसके बाद भयंकर दर्द होता है। इसे कंट्रोल करने के लिए पेनकिलर्स और इंजेक्शन का सहारा लेना पड़ता है।

 एंडोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाला दर्द बेहद परेशान करने वाला हो सकता है। यह दर्द पीरियड्स के बीच भी हो सकता है। इसके अलावा यौन संबंध बनाने में अत्यधिक दर्द भी इस बीमारी का संकेत हो सकता है। अगर किसी महिला को प्रेग्नेंसी में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो यह भी एंडोमेट्रियोसिस का संकेत हो सकता है।

इस बीमारी की वजह से महिलाएं डिप्रेशन में भी जा सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस की वजह से 50 प्रतिशत मरीजों में फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं और उन्हें फर्टिलिटी बढ़ाने वाली सर्जरी या अन्य ट्रीटमेंट की जरूरत हो सकती है।

चिंता की बात यह है कि कई बार इस बीमारी का पता स्कैन के जरिए नहीं लग पाता है। कई बार स्कैन सामान्य होने पर भी एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है। डॉक्टर का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर समस्या है, जिसे इलाज के जरिए कंट्रोल किया जाता है। इस बीमारी का ट्रीटमेंट पेशेंट के लक्षणों पर आधारित होता है।

कई बार पेन किलर्स, गर्भनिरोधक गोलियां, डायनोजेस्ट, इंजेक्शन या इंट्रा गर्भाशय उपकरणों से इसका इलाज किया जाता है। जब परेशानी ज्यादा बढ़ जाए, तो सर्जरी के जरिए एंडोमेट्रियोसिस का इलाज किया जाता है।