Explainer : इलेक्शन में जब्त की हुई शराब का चुनाव आयोग करती है ये काम
आप लोग जानते है कि चुनावों के समय कई जगहों पर करोड़ों रुपये कैश और शराब बरामद होते है। क्या आप जानते है कि इन सबका चुनाव आयोग क्या करती है।
Seized Cash And Liquor : देश में 2024 के लोकसभा चुनावों (Loksabha Election 2024) का बिगुल बज चुका है. 18वीं लोकसभा के लिए सदस्य चुनने का काम 19 अप्रैल से 1 जून के बीच किया जाएगा. मतगणना चार जून को होगी.
देश में आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) चुनाव की घोषणा होने के बाद ही लागू हो जाती है. लेकिन चुनाव की घोषणा के बाद सभी राजनीतिक दलों की तैयारियां भी तेज हो जाती हैं. मतदाताओं को लुभाने का काम शुरू हो जाता है.
इसीलिए चुनावों के दौरान हर दिन करोड़ों रुपये कैश बरामद किया जाता है. चुनाव आयोग (Election Commission of India) के निर्देश पर चुनावों के दौरान अवैध तौर पर या नियमों के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली नगदी और शराब को पुलिस द्वारा जब्त कर लिया जाता है.
सवाल यह है कि चुनाव में बरामद होने वाले इन करोड़ों रुपयों और शराब का क्या होता है और ये कहां जाती है?
काला धन होता है इस्तेमाल
चुनाव में अधिकतर काले धन का इस्तेमाल किया जाता है. आयोग ने चुनाव लड़ने के लिए पैसे खर्च करने की जो लिमिट तय की है ज्यादातर प्रत्याशी उसे कई गुना ज्यादा खर्च करते हैं. काले धन का चुनाव के उन कामों में इस्तेमाल किया जाता है जिसका कोई हिसाब नहीं दिया जाता.
इसीलिए पार्टियों और प्रत्याशियों के पास अलग-अलग जगहों से भारी मात्रा में कैश पहुंचाया जाता है. पुलिस भी इसके लिए तैयार रहती है. वह संदिग्ध दिखने वाले वाहनों और लोगों की चेकिंग और पूछताछ करती रहती है.
इसके अलावा पुलिस को अपने सूत्रों या मुखबिरों से भी जानकारी मिल जाती है. फिर वो छापामार कर कैश या शराब पकड़ लेती है.
कर सकते हैं क्लेम
चुनाव के दौरान पुलिस जो भी कैश या नगदी जब्त करती है उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है. पुलिस जिस व्यक्ति से कैश करती है वह बाद में इसके लिए क्लेम कर सकता है. अगर वो व्यक्ति ये साबित करने में सफल रहता है कि ये पैसा उसका अपना है और ये अवैध तरीके से नहीं कमाया गया है.
और वह इसकी पूरी जानकारी सबूत के तौर पर पेश करता है तो पैसा उसे वापस कर दिया जाता है. सबूत के लिए आपके पास एटीएम ट्रांजेक्शन, बैंक की रसीद और पासबुक में एंट्री होनी जरूरी है. अगर जब्त किए गए पैसे पर कोई दावा नहीं करता है तो वो सरकारी खजाने में जमा करा दिया जाता है.
नष्ट कर दी जाती है शराब
चुनाव के दौरान कैश के अलावा भारी मात्रा में शराब भी जब्त की जाती है. शराब मतदाताओं को लुभाने के काम आती है. अगर ये शराब कानूनी तरीके से ले जाई जा रही है तो उसे छोड़ दिया जाता है. लेकिन बिना कागजों के ले जाए जाने पर उसे जब्त कर लिया जाता है.
चुनाव के दौरान मिली सभी शराब को पहले तो एक जगह जमा कर दिया जाता है. बाद में उसे एक साथ नष्ट कर दिया जाता है. हम सभी अमूमन इस तरह की फोटो देखते रहते हैं कि एक स्थान पर भारी संख्या में बोतलों को मैदान में रखा जाता है और रोडरोलर से उन्हें कुचल कर नष्ट किया जाता है.