यमुना का जलस्तर बढ़ने से खेत डूबे, कई लोगों के घर गिरे
पहाड़ों पर हो रही भारी बारिश अब मैदानी इलाकों के किसानों और यमुना क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए आफत बन गई है. सोनीपत जिले में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में यमुना क्षेत्र में किसानों द्वारा लगाई गई फसलें बर्बाद हो रही हैं.
Updated: Jul 10, 2023, 14:39 IST
पहाड़ों में हो भारी बरसात अब मैदानी क्षेत्र के किसानों और यमुना क्षेत्र में बसे हुए लोगों के लिए आफत बन गई है। सोनीपत जिले में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते यमुना क्षेत्र में किसानों द्वारा लगाई गई फसल बर्बाद हो रही है। वहीं दूसरी तरफ बरसात के चलते गरीबों के आशियाने भी ध्वस्त हो रहे हैं। गांव जगदीशपुर व सांदल से गरीबों के आशियाने बरसात के ध्वस्त हो गए है
पहाड़ी क्षेत्रों में ही तेज बारीश के कारण यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते दिल्ली और आसपास के लोगों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। ये तस्वीर हरियाणा के सोनीपत जिले के यमुना क्षेत्र की है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी गांव की तरफ कट गया। जिसके चलते कई गांवों में पानी घुसने की खबरें आ रही हैं, यमुना क्षेत्र में किसानों द्वारा लगाई गई फसलें बर्बाद हो चुकी हैं
सांदल व जगदीशपुर में बरसात के चलते गरीबों के आशियाने गिर गए हैं। एक परिवार के कई सदस्य हैं इस हादसे में बाल-बाल बचे हैं। यह मानसून अपने साथ किसानों व आम लोगों के लिए आफत लेकर आई है। आम लोग इंद्र देवता से अब यह आस लगाकर बैठे हैं कि कब इंद्र देवता इस बारिश को रोके और उन्हें राहत मिले, वहीं गरीबों ने प्रशासन से अपने लिए मुआवजे की मांग की है ताकि वह एक बार फिर से अपना आशियाना बना सकें
पहाड़ी क्षेत्रों में ही तेज बारीश के कारण यमुना का जलस्तर लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जिसके चलते दिल्ली और आसपास के लोगों की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है। ये तस्वीर हरियाणा के सोनीपत जिले के यमुना क्षेत्र की है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से पानी गांव की तरफ कट गया। जिसके चलते कई गांवों में पानी घुसने की खबरें आ रही हैं, यमुना क्षेत्र में किसानों द्वारा लगाई गई फसलें बर्बाद हो चुकी हैं
सांदल व जगदीशपुर में बरसात के चलते गरीबों के आशियाने गिर गए हैं। एक परिवार के कई सदस्य हैं इस हादसे में बाल-बाल बचे हैं। यह मानसून अपने साथ किसानों व आम लोगों के लिए आफत लेकर आई है। आम लोग इंद्र देवता से अब यह आस लगाकर बैठे हैं कि कब इंद्र देवता इस बारिश को रोके और उन्हें राहत मिले, वहीं गरीबों ने प्रशासन से अपने लिए मुआवजे की मांग की है ताकि वह एक बार फिर से अपना आशियाना बना सकें