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GARIB RATH TRAIN NEWS : अब इस ट्रेन में मिलेगी राजधानी जैसी सुविधाएं, रेलवे ने बनाया नया प्लान

रेलवे हर रोज अपने यात्रियों के लिए नई योजना लागू करती रहती है। हाल ही में रेलवे ने अपने यात्रियों को एक बड़ी खुशखबरी दी है। रेलवे की गरीब रथ ट्रेन में सफर करने वालों को राजधानी और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों वाली सुविधा दी जाएगी। 
 
अब इस ट्रेन में मिलेगी राजधानी जैसी सुविधा

GARIB RATH TRAIN : भारतीय रेलवे ने दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों से यूपी, बिहार और राजस्थान जाने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी लेकर आई है। उत्तर रेलवे ने सभी तरह की गरीब रथ ट्रेनों में राजधानी और वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी बॉगियां लगाने का फैसला किया है।

अब गरीब रथ रेलगाड़ियों में थर्ड एसी इकोनॉमी कोच लगाए जाएंगे। गरीब रथ ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के पुराने कोच की जगह अब नए कोच में यात्रा करने को मिलेंगे। बता दें कि भारतीय रेलवे ने देशभर की 26 गरीब रथ ट्रेनों में यह सुविधा शुरू करने जा रही है।

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि गरीब रथ के नए कोच तैयार नहीं हो रहे हैं। ऐसे में पुराने कोचों में यात्रियों को बहुत दिक्कत हो रही है। पुराने कोचों को अब बदलने की आवश्यकता महसूस रही है। इसलिए पहले चरण में 9 गरीब रथ ट्रेनों के बॉगियों को बदले जाएंगे।

रेलवे बोर्ड ने कहा है कि इसके लिए 50 इकोनॉमी कोच उत्तर-पूर्व रेलवे और 50 नए कोच उत्तर-पश्चिम रेलवे को मुहैया कराने के निर्दश दिए गए हैं। इन कोच के बदलने के बाद भी पुराने दरों से ही किराया वसूला जाएगा। किराया में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा।

बदलने जा रहा है गरीब रथ में सफर करने का मजा

उत्तर-पूर्व रेलवे और उत्तर-पश्चिम रेलवे सबसे महत्वपूर्ण पारगमन क्षेत्रों में से एक है। इस रूट के जरिए उत्तर, पूर्व और पश्चिम के सीमा क्षेत्रों को जोड़ा जाता है।

चूंकि उत्तर पूर्व रेलवे उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग से पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के क्षेत्र में फैले एक बड़े क्षेत्र को पूरा करता है, यह आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कई यात्री ट्रेनें चलाता है।

ट्रेन की बॉगियां अब राजधानी जैसी

गोरखपुर जंक्शन, बस्ती, लखनऊ जंक्शन, छपरा जंक्शन, पीलीभीत जंक्शन, आजमगढ़ , बलिया, पडरौना, बेलथरा रोड, देवरिया सदर, मऊ जंक्शन, सीवान जंक्शन, गोंडा जंक्शन, खलीलाबाद, काठगोदाम, रुद्रपुर शहर,

गाजीपुर सिटी, मंडुआडीह , वाराणसी शहर, भटनी, बभनन, सुरैमनपुर के साथ-साथ बिहार के छपरा, हाजीपुर, बरौनी, समस्तीपुर, मधुबनी, जयनगर, भागलपुर जैसे जगहों पर गरीब रथ चलाई जाती हैं। इससे वाराणसी, लखनऊ और इज्जतनगर के साथ-साथ नेपाल तक लोग सफर करते हैं।

देश में भारतीय रेल परिवहन का एक सबसे प्रमुख साधन है। हर समय इस विशाल नेटवर्क की ट्रेनों में करोड़ों की संख्या में लोग सवार रहते हैं। आप इसी से अनुमान लगा सकते हैं कि हर रोज करीब 13,169 ट्रेनें दौड़ती हैं।

इनमें सेमीहाईस्पीड वंदेभारत, राजधानी, शताब्दी जैसी प्रीमियम ट्रेनों के साथ हजारों सवारी और सुपर फास्ट गाड़ियां शामिल हैं। भारतीय रेलवे ने देश के गरीब वर्ग के लोगों को कम पैसे में प्रीमियम ट्रेनों जैसी तेज गति के साथ सफर करने का अनुभव देने के लिए गरीब रथ एक्सप्रेस सेवा शुरू की थी।

देश के विभिन्न शहरों के बीच यानी कम से कम 26 मार्गों पर ये ट्रेनें दौड़ रही हैं। 5 अक्टूबर 2006 को सबसे पहले इस ट्रेन सेवा की शुरुआत बिहार के सहरसा स्टेशन से अमृतसर के बीच हुई थी। आज ये ट्रेनें दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-चेन्नई, पटना-कोलकाता जैसे सभी अहम मार्गों पर दौड़ती हैं।