Giant Iceberg : बर्फ के विशाल हिमखंड समुद्र में क्यों नहीं डूबते, जानें क्या है बड़ी वजह
Giant Iceberg : चाहे आर्कटिक समुद्र में तैरता बर्फ का विशाल बेड़ा हो या फिर कॉकटेल में क्यूब्स, ये डूबते क्यों नहीं। वजन तो इनमें काफी ज्यादा होता है, फिर ये तैरते क्यों रहते हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर ब्रेंट मिनचेव ने इसकी वजह बताई। उन्होंने कहा, बर्फ के पानी में न डूबने का संबंध पानी के घनत्व यानी डेंसिटी से है। बर्फ पानी की ठोस अवस्था होती है।
यह इसलिए तैरती है क्योंकि यह अपने तरल रूप की तुलना में कम घनी होती है। यानी इसकी डेंसिटी कम होती है। इसके विपरीत, अधिकांश अन्य पदार्थ ठोस अवस्था में सघन हो जाते हैं।
इस वजह से तैरते विशाल हिमखंड
नासा के जलवायु विज्ञानी क्लेयर पार्किंसन ने कहा, बर्फ के टुकड़े अपनी आणविक संरचना के कारण तैरते हैं। पानी का एक अणु (H2O) दो हाइड्रोजन परमाणुओं और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना होता है।
हाइड्रोजन और ऑक्सीजन परमाणु इलेक्ट्रॉन साझा करते हैं, जिससे ये बंधे होते हैं। हाइड्रोजन का धनात्मक आवेश, नेगेटिव ऑक्सीजन परमाणु की ओर आकर्षित होता है। इन अणुओं के बीच बनने वाले बंधन को हाइड्रोजन बंधन के रूप में जाना जाता है।
जब पानी जम जाता है, तो ये हाइड्रोजन बांड एक क्रिस्टल जाली बनाते हैं। इस जाली के भीतर बहुत सारी खाली जगह है जो हवा से भर जाती है, जिससे बर्फ का घनत्व कम हो जाता है। यही कारण है कि हिमखंड समुद्र में तैरते हैं। भले ही वे लगभग 100 से 165 फीट मोटे ही क्यों न हों।
यदि बर्फ डूबती…
तैरती बर्फ झीलों और महासागरों की जमी हुई सतह के नीचे जीवन को पनपने देती है। यदि बर्फ डूबती, तो पानी के अंदर रहने वाले जीवों के लिए काफी दिक्कत होती।
नासा के अनुसार, समुद्री बर्फ जैसे ही जमती है, इससे नमक निकलता है। इससे बर्फ के नीचे का पानी अत्यधिक नमकीन और घना हो जाता है। समुद्री बर्फ द्वारा निर्मित यह घना पानी समुद्र के तल में डूब जाता है और गहरे पानी को सतह पर धकेल देता है।