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PMKSY: किसानों के लिए ख़ुशख़बरी, नलकूप और सबमर्सिबल मोटर पंप पर मिल रही है सब्सिडी, जानें 
 

 योजना के तहत किसानों को ट्यूबवेल बोरिंग और सबमर्सिबल मोटर पंप सेट पर 40,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने में मदद मिलेगी।
 
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indih1, PMKSY: कृषि भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन इसके लिए बहुत अधिक पानी की भी आवश्यकता होती है। फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए पानी का उचित उपयोग करना महत्वपूर्ण है। इसलिए, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) शुरू की है जिसका उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए सब्सिडी देना है।

सरकार देगी मदद

इस योजना के तहत किसानों को ट्यूबवेल बोरिंग और सबमर्सिबल मोटर पंप सेट पर 40,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलने में मदद मिलेगी।

इसके अलावा किसानों को ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणालियों पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। (micro irrigation). इससे किसानों के लिए पानी की बचत होगी और फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा।

पीएमकेएसवाई योजनाः कौन पात्र हैं

और कैसे करें आवेदन जिन किसानों के पास कम से कम 0.50 एकड़ (50 दशमलव) कृषि योग्य भूमि है, वे इस योजना के लिए पात्र हैं। इस योजना में छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत जो किसान सूक्ष्म सिंचाई का उपयोग करना चाहते हैं और उनके पास पहले से कोई बोरिंग नहीं है, उन्हें बागवानी विभाग द्वारा बोरिंग और सबमर्सिबल मोटर पंप पर सब्सिडी दी जाएगी।

साथ ही, जो किसान पहले से ही बोरिंग हैं और सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापित करना चाहते हैं, उन्हें सूक्ष्म सिंचाई मशीनों पर सब्सिडी दी जाएगी।

इस योजना के तहत अनुदान का लाभ उठाने के लिए, इच्छुक किसानों को आधार (भुगतान आधार पर आधारित होगा) भूमि प्रमाणपत्र या भूमि की रसीद, एलपीसी और एक रंगीन फोटो के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। किसान अपने निकटतम सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) या जन सेवा केंद्र पर जाकर प्रधानमंत्री कृषि सूक्ष्म सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

इसके अलावा, आवेदक किसान स्वयं बागवानी निदेशालय कृषि विभाग, बिहार सरकार के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। बागवानी विभाग को इस साल इस योजना के तहत 81 किसानों को लाभान्वित करना है, जिसके तहत विभाग को अब तक 21 आवेदन प्राप्त हुए हैं।