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Haryana Child Birth Ratio : हरियाणा के इस शहर ने लिंगानुपात में किया टॉप, सरकार ने दी जानकारी 

सरकार ने द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान शुरू किया हुआ है। जिसके तहत हरियाणा के इस शहर ने लिंगानुपात में सभी जिलों को पीछे छोड़ दिया है। हरियाणा के चरखी दादरी में लिंगानुपात एक हजार को पार करते हुए 1055 तक पहुंचा है।

 
हरियाणा के इस शहर ने लिंगानुपात में किया टॉप

Haryana Child Birth Ratio :  बेटियां भी कुल और गांव का नाम रोशन कर सकती हैं, इसलिए उन्हें कोख में ही नहीं खत्म करना चाहिए। इन्हीं संदेशों ने हरियाणा के चरखी दादरी जिला के अनेक गांवों की तस्वीर बदली और प्रदेश व दूसरे गांवों के लिए मिसाल पेश की।

लिंगानुपात में लगातार तीसरे माह भी चरखी दादरी जिला प्रदेश में अव्वल रहा है। वहीं, महेंद्रगढ़ और गुरुग्राम जिला संयुक्त रूप से 22वें स्थान पर हैं। चरखी दादरी का लिंगानुपात 1055 है, जबकि गुरुग्राम व महेंद्रगढ़ का लिंगानुपात 871 है।

हरियाणा प्रदेश का ओवरऑल लिंगानुपात 914 है। नारी चौपाल-मन की बात मुहिम का असर है कि आज चरखी दादरी का नाम समाज की बदली सोच ने ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। गुरुग्राम और महेंद्रगढ़ सबसे नीचे हैं।

हरियाणा प्रदेश के लोगों की लिंगभेद को लेकर सोच में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। अब हरियाणा प्रदेश के निवासी बेटे व बेटियों में कोई अंतर नहीं कर रहे हैं। इसी के चलते हरियाणा प्रदेश के औसत लिंगानुपात में काफी सुधार आया है।

पिछले वर्ष दिसंबर में जहां चरखी दादरी लिंगानुपात के मामले में सबसे निचले पायदान पर था। वहीं, इस वर्ष से लगातार तीन माह में प्रथम स्थान पर आते हुए एक मिसाल पेश की है।

जागरूकता के कारण चरखी दादरी जिला में लिंगानुपात एक हजार को पार करते हुए 1055 तक पहुंचा है। विभाग अधिकारियों की मानें में दादरी जिला के कई ऐसे गांव हैं जहां बेटों के मुकाबले इस साल आठ गुना अधिक बेटियां जन्मी हैं जो अन्य गांवों के लिए नजीर पेश की है।

सबसे निचले स्थान पर था चरखी दादरी 

बता दें कि वर्ष 2023 में चरखी दादरी जिले लिंगानुपात में सबसे निचले स्थान पर था। इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च में जिला पहले स्थान पर रहा है। तीनों माह की बात करें तो जिले में 671 लड़कों और 711 लड़कियों ने जन्म लिया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार पूरे हरियाणा में चरखी दादरी ऐसा जिला जहां लिंगानुपात एक हजार पार पहुंचा है। महिलाओं ने कहा कि लड़कों की तर्ज पर समाज में लड़कियों को भी सम्मान मिल रहा है। बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान से समाज में जागरूकता आ रही है।

क्या कहते हैं अधिकारी

महिला बाल विकास निगम अधिकारी गीता सहारण ने लिंगानुपात में आये सुधार पर खुशी जाहिर की है। लिंगानुपात में चरखी दादरी सबसे आगे होने पर सभी कर्मचारियों की मेहनत का फल है।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारी, आशा वर्कर्स, आंगनबाड़ी वर्कर्स व लगातार जागरूकता अभियान चलाते हुए लोगों का जागरूक किया जा रहा है।