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Haryana News: हरियाणा में कच्चे कमर्चारियों के लिए ख़ुशख़बरी, सैनी सरकार ने कर दिया बड़ा ऐलान
 

हरियाणा प्रदेश में नायब सैनी सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने हेतु पॉलिसी तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है।
 
हरियाणा प्रदेश में नायब सैनी सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने हेतु पॉलिसी तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है।

Haryana News: हरियाणा प्रदेश में नायब सैनी सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने हेतु पॉलिसी तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है।

हरियाणा सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों को रेगुलर करने की पॉलिसी तैयार करने के लिए वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की कमेटी का गठन किया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में आगामी 5 अगस्त को होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में इस पॉलिसी को मंजूरी मिल सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों की इस कमेटी की 26 जुलाई को पहली बैठक हुई। इसमें पंजाब की पॉलिसी के बिंदुओं पर भी चर्चा हुई।

पॉलिसी के मसौदे पर ज्यादा चर्चा 

 हालांकि पहली बैठक में पॉलिसी के मसौदे पर ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी मगर इसकी बैक ग्राउंड पर चर्चा हुई। अभी कमेटी की दूसरी या तीसरी बैठक में पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार हो सकता है। कमेटी में प्रधान सचिव विजेंद्र कुमार, प्रधान सचिव डॉ. डी सुरेश, आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, मानव संसाधन विभाग के महानिदेशक जे गणेशन, वित्त विभाग के विशेष सचिव विशेष सचिव डॉ. आदित्य दहिया, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक जितेंद्र दरिया और डीए राजेंद्र सवेरा वर्मा शामिल हैं।

 मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने यह कमेटी गठित की है। सरकार ने कहा है कि यह कमेटी उन कर्मचारियों के लिए चर्चा कर एक ड्राफ्ट पॉलिसी तैयार करेगी, जिन्होंने कांट्रैक्चुअल सर्विस दी है। कमेटी में कुमार हैं। वे मानव संसाधन (तत्कालीन सामान्य प्रशासन) में
लंबे समय तक सचिव और प्रधान सचिव पद पर रह चुके हैं। इस ड्राफ्ट पॉलिसी की बैकग्राउंड में हाईकोर्ट में दायर एक याचिका और एक अपील में की गई टिप्पणी को भी ध्यान रखा जाना है।

 रेगुलराइजेशन में 5 साल या 7 साल या 10 साल की सेवा में करेंगे शामिल 

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में होने वाली मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला होना है कि रेगुलराइजेशन में 5 साल, 7 साल, 10 साल यानी कितने साल तक की सेवा वाले कर्मचारियों को शामिल करना है। यह भी फैसला करना है कि किन कर्मचारियों को रेगुलर किया जाना है। अभी तक की चर्चा के मुताबिक जो कर्मचारी हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट हुए हैं, उन्हें रेगुलर करने पर विचार किया जा रहा है।

 अभी बहुत कर्मचारी ऐसे हैं जो विभागों में कार्यरत है मगर हरियाणा कौशल रोजगार निगम में पोर्ट नहीं हुए हैं। उन पर अगली बैठक में चर्चा होगी। चूंकि एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने पंजाब की पॉलिसी का जिक्र किया है इसलिए इस पॉलिसी के अच्छे बिंदुओं को भी शामिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री के मुख्न प्रधान सचिव राजेश खुल्लर पूरा प्रयास कर रहे हैं कि अधिक से अधिक अस्थायी कर्मचारियों को इस पॉलिसी का लाभ मिल सके। मगर अफसरों की कमेटी के मसौदे पर भी काफी कछ निर्भर करेगा।