Illegal Relationship: शादी के बाद दूसरे प्रेमी संग सहमति से संबंध बनाना कोई अपराध नहीं- हाई कोर्ट
HC on Illegal Relationship: आज के समय में अवैध संबंधों के कारण हत्या जैसी घटनाएं हर दिन देखी जा रही हैं। कई मामलों में अवैध संबंधों की आड़ में ब्लैकमेलिंग का खेल खेला जाता है। ऐसे ही एक मामले के संबंध में जयपुर उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि एक विवाहित व्यक्ति और किसी और के बीच संबंध रखना अपराध नहीं है। यदि कोई वयस्क लड़का या लड़की शादी के बाद किसी और के साथ उनकी सहमति से रहता है, तो यह अपराध नहीं है।
किसी और के साथ यौन संबंध बनाना अपराध नहीं है
HC ने कहा कि आईपीसी की धारा 494 के तहत, दूसरे के साथ यौन संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं आता है क्योंकि दोनों में से किसी ने भी अपनी पत्नी के जीवित रहने के दौरान दूसरी शादी नहीं की है। अगर दोनों स्वेच्छा से एक साथ रहते हैं तो यह कोई अपराध नहीं है। न्यायमूर्ति बीरेंद्र कुमार ने लिव-इन पत्नी के पति के वापस बुलाने के आवेदन को खारिज करते हुए यह आदेश दिया है।
स्वैच्छिक यौन संबंध अपराध नहीं है
अदालत ने कहा कि शारीरिक संबंध केवल विवाहित जोड़ों के बीच होने चाहिए, लेकिन यह अपराध नहीं है जब वयस्क स्वेच्छा से संबंध रखना चाहते हैं। पति ने अपनी पत्नी के अपहरण के लिए प्राथमिकी दर्ज कराई थी और अदालत ने इस मामले में यह आदेश दिया है।
प्रेमी के साथ बनाया गया
इस मामले के बारे में पत्नी ने कहा कि वह अपनी मर्जी से गई थी और उसने अपने प्रेमी के साथ रिश्ते में रहने का फैसला किया। इसके बाद अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पति के आवेदन को खारिज करने का फैसला किया।