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Health News : ये पेड़ है औषधीय गुणों का भंडार, छाल से लेकर फल तक की बनती है दवाई

आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे है जो हरियाणा के खतों में सबसे अधिक पाया जाता है। बता दें कि इस पेड़ की छाल से लेकर फल तक से कई तरह की औषधी बनाई जाती है। इससे बवासीर जैसी बीमारियां ठीक हो जाती है। 
 
ये पेड़ है औषधीय गुणों का भंडार

Health News : आयुर्वेदिक पद्धति की बात की जाए तो विभिन्न प्रकार के पेड़- पौधों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। कई बीमारियों में इसका उपयोग कारगर साबित होता है। इसी तरह का उल्लेख श्योनाक के पेड़ के बारे में भी मिलता है।

इस पेड़ की छाल, रूट व फ्रूट का उपयोग आयुर्वेदिक पद्धति में किया जाता है। इसके माध्यम से लीवर में सूजन समेत विभिन्न प्रकार की बीमारियों को दूर करने में काफी मदद मिलती है। यह बात पिछले 25 वर्षों से स्टूडेंट को बॉटनी एवं आयुर्वेदिक पौधों के बारे में अध्ययन कराते आ रहें। 

श्योनाक पेड़ काफी लाभदायक होता है इसकी छाल का पाउडर बनाकर पानी में मिलाकर पीया जाए, तो इससे लिवर संबंधित विभिन्न प्रकार की बीमारियों में काफी राहत मिलती है।

साथ ही सबसे ज्यादा जॉन्डिस की बीमारी में यह राहत पहुंचाता है। ज्यादातर आयुर्वेदिक कंपनी भी लिवर से संबंधित दवा बनाने में भी इसकी छाल का उपयोग करती हैं। क्योंकि, इसमें ऐसे एंटीऑक्सीडेंट औषधीय गुण पाए जाते हैं जो लीवर के लिए सुरक्षा कवच के तौर पर होते हैं।

साथ ही इसके रूट को भी दशमोला के तौर पर उपयोग किया जाता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से में अगर सूजन से संबंधित कोई समस्या है, तो उसको दूर करने में काफी मदद करती है।

इन लोगों में भी मिलता है फायदा

श्योनाक फल बिल्कुल कागज की तरह पतला होता है। इसका पका हुआ फल बवासीर, पेट में कीड़े सहित अन्य प्रकार की समस्याओं का भी निदान करता है।

यही नहीं, महिलाओं को प्रसव के बाद होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं में भी इसकी छाल, रूट और फल का उपयोग विभिन्न माध्यमों से किया जाता है।

हालांकि, प्रोफेसर विजय मलिक कहते हैं कि इस पेड़ का उपयोग करने से पहले संबंधित व्यक्ति आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से राय लें। क्योंकि, वजन और उम्र के अनुसार इसकी मात्रा का उपयोग अलग-अलग तरह से किया जाता है।