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Haryana: हरियाणा में आयुष्मान कार्ड व चिरायु कार्ड पर निजी प्राइवेट अस्पतालों द्वारा इलाज बंद करने का किया ऐलान, जानिए वजह 

Haryana News: विस्तार से बताते हुए आई.एम.ए. हरियाणा के मीडिया सेक्रेटरी, डॉ. अजय गोयल ने कहा कि आज पूरे हरियाणा में करीब 300 करोड़ से अधिक राशि के बिल आयुष्मान के तहत सरकार के पास पैंडिंग हैं।
 
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indiah1, आयुष्मान कार्डधारकों के लिए बुरी खबर,
हरियाणा प्रदेश में आयुष्मान कार्ड धारकों के लिए एक बुरी खबर निकलकर सामने आई है। खबर के अनुसार संगठन में आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज ना करने का ऐलान कर दिया है। आई.एम.ए. हरियाणा के प्रधान, डॉ. अजय महाजन एवं सचिव, डॉ. धीरेन्द्र सोनी की अध्यक्षता मेँ देर रात तक चली हरियाणा आईऍमए के प्राइवेट अस्पतालों की मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है।

इसके अनुसार  सभी आयुष्मान पैनल वाले प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान व चिरायु कार्ड धारको का इलाज नहीं करेंगे। 
आई.एम.ए जींद के प्रधान डॉ मनोज कुमार ने बताया कि जिले के विभिन्न अस्पताल पिछले कुछ वर्षों से सरकार द्वारा जनता को उपलब्ध करवाई गई आयुष्मान योजना के तहत आयुष्मान भारत के पैनल वाले हॉस्पिटल अपने अपने हॉस्पिटल में मरीजों को निःशुल्क सुविधाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।

लेकिन इसके बाद भी अस्पतालों में  बिलों में भारी कटौती, देरी से भुगतान, नई योजनाओं का कार्यान्वयन न होना, डॉक्टर्स से परामर्श किए बिना चिरायु और चिरायु विस्तार को शामिल करना जैसी अनेक समस्याएं आ रही हैं।
          
इस विषय पर विस्तार से बताते हुए आई.एम.ए. हरियाणा के मीडिया सेक्रेटरी, डॉ. अजय गोयल ने कहा कि आज पूरे हरियाणा में करीब 300 करोड़ से अधिक राशि के बिल आयुष्मान के तहत सरकार के पास पैंडिंग हैं। उन्होंने बताया कि जिला Jind में 16 हॉस्पिटल आयुष्मान भारत पैनल से जुड़े हैं, जिनके करीब 6 करोड़ रुपए के बिल अब तक बकाया चल रहे हैं।

ऐसे में डॉक्टर्स के लिए अपने पास से मरीजों को लगातार सुविधा मुहैया करवाना मुश्किल हो गया है। हमने अलग-अलग समय पर माननीय मुख्यमंत्री, एसीएस हेल्थ, सीईओ एबी, ज्वाइंट सीईओ एबी इत्यादि को भी अपनी समस्या से अवगत करवाया है। लेकिन दुख की बात है कि अब तक हमारी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हो सका है।


 डॉक्टर अजय गोयल ने आगे कहा ने कहा कि इसलिए अब मजबूरीवश आईएमए हरियाणा के बैनर तले, हम आयुष्मान सूचीबद्ध निजी अस्पतालों ने 16 मार्च 2024 से इस योजना के तहत काम बंद करने का फैसला किया है। हमने इस संबंध में सीईओ आयुष्मान भारत को पहले ही नोटिस दे दिया है। हम इस योजना के अंतर्गत आने वाले मरीजों का इलाज करने से इनकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन जब तक हमारी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक इस योजना के तहत काम नहीं करेंगे।