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International Yoga Day 100 days countdown : महिलाओ को लिए ये 5 योगासन है वरदान, बीमारियां होगी झट से दूर 

योगा हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है और सभी बीमारियां दूर रहती है। हाल ही में योग दिवस के 100 दिन की गिनती चल रही है।

 
 महिलाओ को लिए ये 5 योगासन है वरदान, बीमारियां होगी झट से दूर 

International Yoga Day 100 days countdown : तितली उड़ाने और चक्‍की चलाने से महिलाओं की सैकड़ों बीमारियां दूर हो जाती हैं। ये सुनकर आपको अजीब लग रहा होगा न! लेकिन ये 100 फीसदी सच है। पीरियड का दर्द हो, अनियमित मैन्‍स्‍ट्रुअल साइकिल हो, प्रेग्‍नेंसी की समस्‍याएं हों या तनाव हो।

सभी एक झटके में दूर हो सकती है। आज से करीब 30 साल पहले तक सामान्‍य घरों में भी महिलाओं को चक्‍की चलाने के लिए कहा जाता था, जबकि योग शास्‍त्र में तो इसे बेहतरीन योग माना गया है

 भद्रासन- लड़कियों और महिलाओं के लिए बेस्‍ट आसन है। यह पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज यानि पीसीओडी जैसी बीमारियों में बेहद कारगर है। इसके अलावा पीरियड के दर्द को कम करता है।

इससे ध्‍यान बढ़ता है, तनाव और मन की चंचलता कम होती है। इसे करने के लिए वज्रासन में बैठ जाएं और घुटनों के बीच ज्‍यादा से ज्‍यादा गैप रखें। हाथों को घुटनों पर रखें और सांस खीचें व बाहर निकालें।

तितली आसन- यह आसन महिलाओं के पैरों की मसल्‍स को आराम देता है। बटरफ्लाई पोज पेल्विक और रिप्रोडक्टिव अंगों को खोलता है। इसलिए यह प्रेग्‍नेंसी में बेहद ही फायदेमंद है।

साथ ही किडनी, एंडोक्राइन ग्‍लैंड, ओवरी और ब्‍लैडर के लिए भी अच्‍छा है। इसके लिए सुखासन में बैठ जाएं, रीढ़ सीधी रखें और दोनों हाथों से पैरों को पकड़ें और सांस लें व छोड़ें।

पश्चिमोत्‍तानासन- यह आसन महिलाओं में हाई बीपी और डायबिटीज जैसी समस्‍याओं को भी कम करता है। साथ ही पेट और कूल्‍हों की चर्बी को कम करता है। यह फर्टिलिटी को बढ़ाता है। प्रजनन अंगों को मजबूती देता है। इसके फायदे कुछ ही दिन में चौंका देते हैं। इसमें पैरों से सिर को लगाना होता है।

जानु-शीर्षासन- महिलाओं के पेट पर जमने वाली चर्बी को कम करने के लिए यह आसन सर्वोत्‍तम है। वैली फैट को यह आसन कुछ ही दिनों में छांट देता है। साथ ही यूरिन और ब्‍लैडर से संबं‍धित समस्‍याओं में भी लाभदायक है। इसे करने से कंधा, पेट और पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस आसन में सिर को घुटनों से लगाना होता है।

चक्कीचलान आसन- इसे आमतौर पर घरों में भी किया जाता था। यह प्रेग्‍नेंसी से लेकर मेनोपॉज, पीरियड पेन, पीरियड रेगुलर न होना, पीरियड क्रैंप्‍स आदि में बेहद चमत्‍कारी है। इसे करने से महिलाओं की आधी से ज्‍यादा समस्‍याएं खत्‍म हो जाती हैं। इसमें जमीन पर बैठकर पैरों को फैलाकर हाथों से चक्‍की चलाई जाती है।