क्या सरकार फिर से शुरू करने जा रही है 2000 रुपए का नोट, RBI ने दी 500 और 2000 रुपए के नोट को लेकर बड़ी अपडेट
देश के अंदर काफी समय पहले बंद किया जा चुके 2000 रुपए के नोट को लेकर RBI ने बड़ी अपडेट दी है।
RBI ने 2,000 रुपये के नोट के साथ-साथ 500 रुपए को लेकर बड़ा अपडेट दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने वार्षिक रिपोर्ट की जानकारी देते हुए बताया कि जनता के पास वर्तमान में 2,000 रुपये के कुल 3.56 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोटों में से लगभग 98% प्रतिशत 31 मार्च तक आरबीआई को वापस कर दिए गए थे।
2000 रुपए के नोट के साथ-साथ रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 500 रुपये के नोट को लेकर बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि चलन में मौजूद कुल करेंसी में 500 रुपये मूल्य के नोट की हिस्सेदारी मार्च, 2024 तक बढ़कर 86% से अधिक हो गई है। वहीं 2023 में समान अवधि में यह 77% से अधिक थी। आपको बता दें कि मूल्य के लिहाज से चलन में मौजूद बैंक नोटों की संख्या में बढ़ोतरी हाल के वर्षों में सबसे कम है।
ज्ञात हो कि साल 2023 के मई महीने में 2,000 रुपये के नोट सरकार द्वारा वापस लेने की घोषणा नोट की हिस्सेदारी एक साल पहले की समान अवधि के 10% से अधिक घटकर सिर्फ 0.2 प्रतिशत रह गई थी। ऐसे में लोगों द्वारा अनुमान लगाया जा रहा है कि क्या सरकार 2000 रुपए के नोट वापस बाजार में लाने की तैयारी कर रही है। जो लोग यह अनुमान लगा रहे हैं उनको बता दे कि रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की 2000 रुपए के नोट को बाजार में उतारने की अभी कोई मंसा नहीं है।
वर्तमान समय में 500 रुपये के नोट हैं बाजार में सर्वाधिक संख्या में मौजूद
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान समय में 500 रुपए के नोट बाजार में सबसे ज्यादा मौजूद हैं। आरबीआई की जानकारी के अनुसार 31 मार्च, 2024 तक 500 रुपये के नोट सर्वाधिक 5 लाख से अधिक बाजार में मौजूद थे, जबकि 10 रुपये के नोट संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर रहे।
इन नोटों की संख्या ढाई लाख की लगभग रही। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में चलन में मौजूद बैंक नोटों के मूल्य 3.9% की वृद्धि रही। वहीं संख्या में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगर पिछले वित्त वर्ष की बात करें तो वित्त वर्ष 2022-23 में यह वृद्धि क्रमशः 7.8 प्रतिशत और 4.4 प्रतिशत रही थी। आपको बता दें कि 2016 में नोटबंदी के बाद शुरू किए गए 2000 रुपए के लगभग 89 प्रतिशत नोट चार साल से अधिक समय से चलन में थे। जिस कारण से सरकार ने उन्हें बदलने का फैसला लिया।