बस इन पांच बातों का रखें विशेष ध्यान, आपके बच्चे का भविष्य रहेगा 100% सुरक्षित
हमारे देश के अंदर करोड़ों लोग आपको सार्वजनिक और प्राइवेट सेक्टर में अपने परिवार का पालन पोषण करने हेतु और अपने बच्चों को उज्जवल भविष्य देने हेतु नौकरी करते मिल जाएंगे। लेकिन इनमें से 60% ऐसे कर्मचारी मिल जाएंगे जो नौकरी के दौरान अपने बच्चों के भविष्य का प्लान नहीं कर पाते। ऐसे कर्मचारी किसी अनहोनी का शिकार होने के बाद खुद तो दुनिया को अलविदा कह कर चले जाते हैं।
लेकिन उनके पीछे उनके बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज हम आपको बच्चों के उज्जवल भविष्य के प्लान हेतु पांच विशेष बातें बताने जा रहे हैं। जिन्हें अपने जीवन में अपनाकर आप भी अपने बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बना सकते हैं।
जैसे हम अपने बच्चों का बचपन से बड़े होने तक सेहत का ख्याल रखना, उसके लिए कपड़े खरीदना, उसका नाम रखना इन सब बातों का ध्यान रखते हैं, ऐसे ही हमें उसके भविष्य का भी ध्यान रखना चाहिए।
1 - हमें नौकरी या बिजनेस के साथ-साथ अपने बच्चों की पढ़ाई की योजना अवश्य बनानी चाहिए। क्योंकि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है, जो किसी भी इंसान को तरास कर बेहतर बना सकती है। आजकल बढ़ती महंगाई को देखते हुए हमें अपने बच्चों की शिक्षा हेतु शुरू से ही बचत का प्लान करके चलना चाहिए।
2 - अगर आपके घर में बेटी के नन्हे कदम अपने निशान छोड़ रहे हैं, तो इन नन्हे कदमों के उज्जवल भविष्य हेतु देश की सबसे भरोसेमंद मानी जाने वाली भारत सरकार द्वारा चलाई गई “सुकन्या समृद्धि योजना" में निवेश कर सकते हैं। यह योजना आपकी पेटी के उज्जवल भविष्य की 100% गारंटी देता है।इस योजना में निवेश पर आपकी बेटी को 8.2 प्रतिशत की दर से सरकार ब्याज देगी।
3 - अगर आप कहीं पर नौकरी कर रहे हैं या अपना बिजनेस कर रहे हैं तो आज ही आपको अपना लाइफ इंश्योरेंस करवा लेना चाहिए। भगवान ना करें भविष्य में आपके साथ कोई अनहोनी घटना घटित हो जाती है, तो लाइफ इंश्योरेंस आपके बच्चों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने का काम करेगा। ऐसे हालात में आपके बच्चे का आर्थिक भविष्य सुरक्षित रहने के साथ-साथ परवरिश में भी पैसों की तंगी नहीं आएगी।
4 - आपको अपनी नौकरी के दौरान अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य हेतु वसीयत बनाकर उसे पहले से तैयार करके रख लेना चाहिए। क्योंकि किसी अनहोनी घटना घटित होने की सूरत में वसीयत की अहमियत काफी बढ़ जाती है। आपके पास वसीयत बनाकर बच्चों की परवरिश हेतु अभिवावक नियुक्त करने का अधिकार भी रहता हैं।
5 - आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नौकरी के साथ-साथ आप एक जिम्मेदार माता-पिता भी हैं। इसलिए पूरी जिम्मेदारी के साथ आपका यह दायित्व बनता है कि बच्चे को छोटी उम्र से ही जिम्मेदारी से खर्च करने का सबक देने के साथ-साथ बजट व बचत बनाने का तरीका भी अवश्य सिखाएं।