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Karva Chauth 2023: इस बार करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग व्रत रखने वाली महिलाओं के जीवन में खुशियां लाएगा

Karva Chauth Moon Timings : करवा चौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चंद्रोदय तक चलता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपने पति के हाथों से पानी पीकर यह व्रत तोड़ती हैं। लड़कियां भविष्य में सुंदर घर और बॉयफ्रेंड पाने के लिए भी यह व्रत रखती हैं।
 
Karva Chauth 2023: इस बार करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धि योग व्रत रखने वाली महिलाओं के जीवन में खुशियां लाएगा

Karva Chauth 2023: करवाचौथ पर इस बार  सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। यह योग सुख समृद्धि और शांति का प्रतीक है।  सुहागिनों का सबसे खास पर्व करवाचौथ हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी  तिथि के दिन मनाया जाता है। यह बात सेक्टर- 28 के खेड़ा शिव मंदिर के पुजारी ईश्वर  चंद्र शास्त्री ने कही।

उन्होंने कहा कि करवाचौथ का व्रत भगवान गणपति जी को समर्पित है। दोपहर बाद गणपति जी के साथ गौरीशंकर भगवान की पूजा की जाती है।  उन्होंने कहा कि व्रत की महिमा को बताने के लिए करवाचौथ व्रत की कथा किसी  ब्राह्मण के मुख से सुननी चाहिए। अब की बार करवाचौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा


ऐसे बन रहा विशेष योग
जब चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र, वृष  राशि में होंगे अर्थात चंद्रमा उच्च राशि में होंगे तब चतुर्थी का प्रवेश होगा। इस बार  करवाचौथ के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा जो कि व्रतधारी महिलाओं के लिए बहुत  ही श्रेष्ठ योग है


चंद्रोदय - चंडीगढ़, पंचकूला एवं  मोहाली में चंद्रमा का 1 नवंबर को रात्रि 8.10 पर उदय होगा


थालियां घुमाना या बांटने से गणेश  जी की परिक्रमा का फल होता है प्राप्त
श्री देवालय पूजक परिषद के अध्यक्ष  और सेक्टर-18 के श्री राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी पंडित डॉ. लाल बहादुर दुबे ने  बताया कि करवाचौथ का व्रत सुबह सूर्योदय से शुरू होता है और शाम को चंद्रोदय तक रखा जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथों पानी पीकर ही महिलाएं यह व्रत खोलती हैं।

कन्याएं भी भविष्य में सुंदर घर और वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत  करती हैं। सेक्टर-30 के श्री शिव शक्ति मंदिर के पुजारी पंडित श्याम सुंदर शास्त्री ने बताया कि व्रती सुहागिन महिलाएं मंदिर में पूजा के लिए आती हैं। कथा श्रवण के  बाद थालियां बंटाती हैं। थालियां घुमाना या बांटने से गणेश जी की परिक्रमा का फल प्राप्त होता है। भगवान गणेश प्रथम देव हैं। ऋद्धि सिद्धि के दाता हैं और विघ्न विनाशक हैं