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जेवर एयरपोर्ट के लिए चलेगी लाइट रेल ट्रांजिट! पॉड टैक्सी का प्लान कैन्सल

 
Light rail transit

नोएडा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट को परिचौक से जोड़ने के लिए अब पॉड टैक्सी नहीं चलेंगे। योजना इसके लिए बदली गई है। परीचौक और नोएडा एयरपोर्ट के बीच अब लाइट रेल ट्रांजिट होगा। इसके बारे में व्यवहार्यता रिपोर्ट बनाई जा रही है। जर्मन कंपनी सीमेंस और भारतीय कंपनी इंडियन पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड को यमुना प्राधिकरण की रिपोर्ट बनाने का काम सौंपा गया है।

30 जून तक रिपोर्ट मिलेगी

30 जून तक इस रिपोर्ट को प्राधिकरण को सौंपना होगा। यमुना एक्सप्रेसवे के सामने बनी 60 मीटर चौड़ी सड़क के किनारे एलआरटी सिस्टम लाइनें बिछाने की प्राधिकरण की योजना है। इससे यमुना प्राधिकरण के कई क्षेत्रों और ग्रेटर नोएडा की आपसी कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।

पॉड टैक्सी को कैंसिल क्यों किया गया?

यमुना प्राधिकरण ने पहले भी नोएडा एयरपोर्ट से फिल्म सिटी तक पॉड टैक्सी चलाने की एक विस्तृत रिपोर्ट बनाई थी। इंडिया पोर्ट रेल एंड रोपवे कारपोरेशन लिमिटेड ने यह रिपोर्ट बनाई। लेकिन राज्य सरकार ने इस परियोजना को स्थगित कर दिया क्योंकि यह बहुत महंगा था, इसकी क्षमता कम थी और इसके संचालन खर्च बहुत अधिक थे। मार्च में प्रदेश की परियोजना क्रियान्वयन और निगरानी समिति ने यमुना प्राधिकरण को LRT सिस्टम की संभावनाओं का अध्ययन करने का आदेश दिया था।

60 मीटर चौड़े ट्रैक में क्या खास होगा?

LRT ट्रैक केवल 60 मीटर चौड़े यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे बिछाया जाएगा। यमुना एक्सप्रेसवे से शुरू होकर यह सड़क नोएडा एयरपोर्ट तक जाती है।

सड़क के किनारे 120 मीटर चौड़ी हरित पट्टी भी है। एलआरटी प्रणाली से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र और ग्रेटर नोएडा के आपसी संपर्क में आसानी होगी। शहरी क्षेत्रों में परिवहन करने के लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

एलआरटी 80 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकता है और स्टील पहियों के कारण कम ऊर्जा खपत होती है, इसलिए इसका संचालन लागत कम है। जबकि पॉड टैक्सी की अधिकतम गति सिर्फ 40 किमी प्रति घंटा है, विश्व के कई देशों में एलआरटी व्यवस्था है।

साथ ही, "नमो भारत रेल" भी चलेगा।

साथ ही, गाजियाबाद से ग्रेटर नोएडा वेस्ट के माध्यम से नोएडा एयरपोर्ट तक पहुंचने वाली 'नमो भारत रेल' परियोजना भी बनाई जा रही है, जिसका सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। इस परियोजना को राज्य सरकार से निर्माण लागत की मंजूरी की जरूरत है। यमुना प्रदेश अथॉरिटी के कई इलाकों से यह रेल लाइन गुजरेगी।