गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 825 किसानों के खातों में आएंगे सीधे 700 करोड़ से अधिक रुपए, सरकार ने बनाया है ये प्लान
indiah1: गंगा एक्सप्रेस-वे के किनारे सरकार औद्योगिक गलियारा विकसित करने जा रही है। इसके तहत किसानों से सरकार ने जमीन देने हेतु आवेदन मांगे हैं। इस प्रक्रिया के तहत लगभग 825 किसान अपनी जमीन सरकार को देकर मालामाल हो जाएंगे। आपको बता दें की गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा विकसित करने के लिए सरकार किसानों को जमीन के बदले आम रेट से काफी अधिक दामों में खरीद रही है।
किसान भी लगातार सरकार की इस योजना में शामिल होने हेतु अपनी भूमि का बैनामा करा रहे हैं। ज्ञात हो कि मंगलवार को जिला प्रशासन ने कुल 85.44 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कर किसानों की जमीन खरीदी है।
सरकार कुल 213 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगी। जिसके चलते मेरठ में 40 % जमीन खरीद की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है। ज्ञात हो कि औद्योगिक गलियारे के लिए अपनी जमीन सरकार को देने में उत्तर प्रदेश का मेरठ जिला पहले नंबर पर है।
औद्योगिक गलियारा विकसित करने हेतु 825 किसानों की जमीन का किया जाएगा अधिग्रहण
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार की अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत 800 से अधिक किसानों से लगभग 213 हेक्टेयर जमीन खरीदी जाएगी। अभी तक 200 से अधिक किसानों ने लगभग 57 बैनामे कराकर जिला प्रशासन को अपनी जमीन देने की इच्छा जताई है। इस जमीन के बदले सरकार किसानों को लगभग 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का भुगतान करेगी।
आपको बता दें कि सरकार किसानों को मुआवजा देने हेतु लगभग 350 करोड़ रुपये का बजट जारी कर चुकी है। शासन बाकी का बजट भी जल्द जारी कर देगा। विभाग के अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि अब तक 40 प्रतिशत जरूरी जमीन का अधिग्रहण दो गांवों में कर लिया गया है और बाकी जमीन का अधिग्रहण भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा।
गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे सरकार द्वारा औद्योगिक गलियारा विकसित करने की योजना की घोषणा के बाद इस क्षेत्र के किसानों में खुशी की लहर है। इस औद्योगिक गलियारे के विकसित होने से इस क्षेत्र के किसान तो मालामाल होंगे ही साथ ही साथ इस क्षेत्र के युवाओं को भी रोजगार का अवसर मिलेगा।