शहरी क्षेत्रो में जमीन की रजिस्ट्री पर अब नहीं लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स, सरकार ने दी बड़ी सौगात
हरियाणा प्रदेश के अंदर शहरी क्षेत्र में कृषि भूमि मालिकों को नायब सैनी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। सरकार ने शहरी क्षेत्र में कृषि भूमि मालिकों को रजिस्ट्री पर लगने वाले प्रॉपर्टी टैक्स और विकास टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है। अब
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में कृषि भूमि की खरीद व भूमि का कोई हिस्सा बेचने के लिए नगर परिषद एवं नगर पालिकाओं से किसी भी एनडीसी की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।
अब भूमि मालिक सीधे तौर पर अपनी रजिस्ट्री करवा सकेंगे। ऐसी संपत्तियों पर किसी भी तरह का प्रॉपर्टी टैक्स व विकास शुल्क लागू नहीं होगा। राज्य में इस तरह की कुल 252000 संपत्तियां हैं। हरियाणा के शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा चंडीगढ़ में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। सुधा ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में कॉलोनियों में खाली प्लॉट को बेचने की अनुमति होगी।
इसके लिए प्रार्थी को प्रॉपर्टी टैक्स व अन्य बकाया शुल्क जमा करने के बाद में नो ड्यूज सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। जिसके आधार पर वो अपनी संपत्ति को बेच सकेंगे। इससे 430000 संपत्तियों को लाभ मिलेगा। जिस भी संपत्ति मालिक ने लाल होरा के अंदर स्थित अपनी संपत्ति को स्वयं प्रमाणित कर दिया है, उसे अपनी संपत्ति बेचने की अनुमति होगी। इस तरह की 685000 संपत्तियों को लाभ मिलेगा।
30 जून से पहले 433 कॉलोनीयों को किया जाएगा नियमित
हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में पहले ही 741 अस्वीकृत कॉलोनियों को नियमित किया जा चुका है। जिसकी सभी 171368 संपतियों को बेचने का अधिक मालिकों को सौंप दिया है। इसके अतिरिक बची हुई 433 अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने का कार्य 30 जून तक पूरा कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक 705 छोटे क्षेत्रों (पैवेस) को भी नियमित किया जा चुका है।
ऐसे बचे हुए लगभग 1200 क्षेत्रों (पैच) जो सरकारी भूमि पर, वन बेजे में या ग्रीन बेल्ट और रोड की भूमि पर होंगे, उन्हें छोड़कर बाकी को 30 जून तक अधिकृत कर दिया जाएगा। इससे कुल 13 लाशा 38 हजार संपतियों को लाभ मिलेगा। राज्य मंत्री ने कहा कि 117705 प्रोपटीस पर आमति लगने की वजह से लोग राशि जब नहीं कर पा रहे थे, उन्हें अब राशि जब करने की सुविधा प्रदान कर दी गई है।
शहरी क्षेत्रे को पर बैठे सुविधा उपलब्ध करने के लिए एसएसवेपी, एवएसईआईडीसी एवं तहसील में किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री होते ही सभी तरह की विवरण नगर निकायों के प्रॉपर्टी पोर्टल पर खुद आ जाएगा। लोगों को अब इसके लिए कार्यालयों के चक्कर काटने या किसी के पास भी जाने की जरूरत नहीं है और यह सुविधा उन्हें घर बैठे मिलेगी।