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हरियाणा के इस गांव में लोग पिछले 165 सालों से नहीं मना रहे होली, वजह जानकर आप रह जाएंगे दंग

Haryana News: इस गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में आज से ठीक लगभग 165 वर्षों पहले एक ऐसी अनहोनी घटना घटी थी। जिसके बाद हमारे गांव के लोगों ने होली का पर्व ना मनाने की शपथ उठा ली थी।
 
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Haryana news: हरियाणा प्रदेश के कैथल जिले के उपमंडल गुहला के गांव दुसेरपुर के लोग पिछले लगभग 165 वर्षों से होली नहीं मना रहे हैं। कैथल जिले के दुसेरपुर गांव में हर वर्ष होली के दिन हर्षोल्लास की जगह सन्नाटा पसरा रहता है। इस गांव के लोगों ने पिछले 165 सालों से होली का पर्व नहीं मनाया है।

कैथल जिले के इस गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में आज से ठीक लगभग 165 वर्षों पहले एक ऐसी अनहोनी घटना घटी थी। जिसके बाद हमारे गांव के लोगों ने होली का पर्व ना मनाने की शपथ उठा ली थी। ग्रामीणों ने बताया कि जिस दिन यह अनहोनी घटना घटी थी उस दिन गांव के लोग होली का त्यौहार हर्षोल्लास से मना रहे थे। 

इस दिन लोगों ने दुसेरपुर गांव में एक स्थान चुनकर होलिका दहन की पुरी तैयारी कर ली थी। लेकिन होलिका दहन के समय से पहले ही गांव के ही कुछ युवाओं ने होलिका दहन की जिद पकड़ ली थी। इस दिन होलिका दहन के दौरान वहां बाबा श्रीराम स्नेही भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने उन युवाओं को समय से पहले होलिका दहन करने से रोकने की कोशिश की। बाबा छोटी कद काठी के थे और उन युवाओं को रोकने में नाकामयाब रहे। समय से पहले होलीका दहन करने पहुंचे युवाओं के झुंड ने बाबा का मजाक उड़ाते हुए समय से पहले ही होलीका दहन कर दिया।

बाबा युवाओं द्वारा किए गए अपमान को सहन नहीं कर सके और जलती होली में ही छलांग लगाते अपनी अपनी जिंदगी को अलविदा कह गए। उस दिन बाबा ने अपनी जीवन लीला समाप्त होने से पहले गांव के लोगों को श्राप देते हुए कहा था कि आज के बाद इस गांव में होली नहीं मनेगी। वह दिन था और आज का दिन है लगभग 165 वर्ष बीत गए हैं कभी इस गांव में होली का त्यौहार नहीं मनाया गया।

बाबा द्वारा दिए गए श्राप का इस गांव में ऐसा असर है कि इस गांव के छोटे बच्चे भी होली का त्यौहार मनाने की अपने परिवार से जिद नहीं करते। बाबा ने श्राप देते हुए कहा था कि जिस दिन इस गांव में गाय को बछड़ा और किसी महिला को एक ही दिन लड़का पैदा हो जाएगा। उस दिन आप स्वयं ही इस श्राप से मुक्त हो जाएंगे। लेकिन 165 वर्ष बीत गए हैं आज तक इस गांव में एक साथ ना तो कभी किसी गाय ने बछड़े को जन्म दिया है और ना ही महिला ने लड़के को।

साथ ही साथ बाबा ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति इससे पहले इस गांव में होली का त्योहार मनाएगा तो उसे उसकी सजा अवश्य मिलेगी। यही कारण है कि इस गांव के लोग पिछले लगभग 165 वर्षों से होली का त्यौहार नहीं मना रहे हैं।

दुसेरपुर गांव में बनी हुई है बाबा की समाधि

 हरियाणा प्रदेश के कैथल जिले के दुसेरपुर गांव में बाबा की एक समाधि भी बनी हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि बाबा द्वारा होलिका दहन में अपनी जीवन लीला समाप्त करने के बाद सभी ग्रामीणों ने मिलकर इस जगह पर बाबा की एक समाधि बना दी थी। इस गांव के लोग इस घटना के बाद बाबा की पूजा करने लगे थे जो आज भी जारी है। जब भी गांव में कोई शुभ कार्य होता है तो इस गांव के लोग बाबा की समाधि पर माथा टेकने जरूर आते हैं। लोगों का मानना है कि बाबा की समाधि पर माथा टेकने से हम जीवन में होने वाली अनहोनी घटना से बचे रहते हैं।