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ऑनलाइन फ्रॉड से पीड़ित लोगों को मिला बड़ा  तौहफा, अब बिना FIR दर्ज करें फ्रॉड का पैसा बैंकों से मिलेगा वापस

ऑनलाइन फ्रॉड से पीड़ित लोगों को मिला बड़ा  तौहफा, अब बिना FIR दर्ज करें फ्रॉड का पैसा बैंकों से मिलेगा वापस
 
ऑनलाइन फ्रॉड

ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार लोगों को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बड़ा तौहफा दिया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि अब ऑनलाइन फ्रॉड के पीड़ित लोगों को बिना FIR दर्ज करें बैंकों से उनका पैसा वापस दिया जाए।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से पंजाब, हरियाणा और यूटी चंडीगढ़ के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीश को भेजे निर्देश में कहा है कि वे साइबर अपराध के मामलों में धोखाधड़ी की गई राशि की रिहाई के लिए एफआईआर पंजीकरण पर जोर न दें।

पंजाब, हरियाणा सहित केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में साइबर अपराध पुलिस स्टेशनों में साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की गई हैं। उपरोक्त राज्यों के जांच अधिकारी राष्ट्रीय साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर शिकायतों को दर्ज करते हैं और इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए निकाले गए पैसों का पता लगाते हैं। साथ ही पैसों को सीआरपीसी की धारा-102 के तहत साइबर अपराधियों तक पहुंचने से रोक देते हैं।

बाद में निचली अदालत द्वारा सीआरपीसी की धारा 457 के तहत यह पैसा रिहा कर दिया जाता है। हालांकि जब शिकायतकर्ता प्रासंगिक बैंक विवरण के साथ उक्त धनराशि जारी करने के लिए निचली अदालत में जाता है। जिसमें पैसा फ्रीज होल्ड पर रखा गया है तो निचली अदालतें इन मामलों में एफआईआर दर्ज करने पर जोर देती हैं। जिससे साइबर अपराध पीड़ितों को पैसा रिलीज करने में बहुत ज्यादा देरी हो जाती है इसलिए अनुरोध है कि


ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में FIR दर्ज करने पर जोर ना दें - हाईकोर्ट

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि वह ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों पर FIR दर्ज करने पर जोर ना देकर पीड़ित लोगों की समस्याओं का समाधान निकाले।
ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों/शिकायतों में एफआईआर दर्ज करने पर जोर न दें, जो पहले ही राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर दर्ज हो चुके हैं। साइबर धोखाधड़ी और ऐसे मामलों के खिलाफ गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उक्त पोर्टल पर दर्ज शिकायत की प्रति के आधार पर सुपरदगिनामा और क्षतिपूर्ति बांड प्रस्तुत करने के अधीन पीड़ितों के पक्ष में धनराशि जारी करके निपटाया जाना चाहिए।

मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट संबंधित साइबर पुलिस स्टेशनों द्वारा दायर की जाएगी और संबंधित बैंक से कोई आपत्ति नहीं होगी। हरियाणा साइबर पुलिस द्वारा की गई इस पहल से न केवल हरियाणा के साइबर पीड़ितों को राहत मिलेगी बल्कि इससे पंजाब और चंडीगढ़ के साइबर पीड़ितों को भी फायदा मिलेगा। है हरियाणा पुलिस के यह अथक प्रयास साइबर अपराधियों की कमर तोड़ने का भी काम करेंगे और इस कदम से हरियाणा के साइबर पीड़ितों का प्रदेश पुलिस के प्रति अधिक विश्वास बनेगा।