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Good News: राजस्थान के लोगो की होगी बल्ले बल्ले,चौथी वंदे भारत ट्रेन पर आया बड़ा अपडेट, जानें सभावित रूटप्लान
 

 
vande bharat express
ढेहर का बालाजी जयपुर में ही एक छोटा रेलवे स्टेशन है.  रेलवे बोर्ड ने उत्तर पश्चिम रेलवे को जल्द से जल्द नई वंदे भारत का रूट चार्ट बनाने के निर्देश दिए हैं.

India H1, जयपुर. राजस्थान को एक और नई वंदे भारत ट्रेन मिलने जा रही है. बताया जा रहा है कि नई वंदे भारत जयपुर से इंदौर या फिर जयपुर से अहमदाबाद के लिए शुरू की जा सकती है. आज से 15 दिन पहले नई वंदे भारत ट्रेन का रैक ढेहर का बालाजी रेलवे स्टेशन पर पहुंच चुका गया था. अभी यह साधारण रेलवे बोगी के रूप में है. इसमें तमाम सुविधाओं को असेम्बल किया जाना बाकी है.

यह राजस्थान की चौथी वंदे भारत ट्रेन होगी. नई वंदे भारत ट्रेन जयपुर पहुंच चुकी है. उसे ढेहर का बालाजी रेलवे स्टेशन पर खड़ा किया गया है. हालांकि अभी ये सिर्फ रैक की शक्ल में जयपुर पहुंची है. इस वंदे भारत ट्रेन को पूरी तरह से असेम्बल करना बाकी है. उम्मीद जताई जा रही है यह नई वंदे भारत ट्रेन जयपुर से इंदौर या फिर अहमदाबाद के लिए संचालित की जाएगी.

जयपुर पहुंचा रेक 

ढेहर का बालाजी जयपुर में ही एक छोटा रेलवे स्टेशन है.  रेलवे बोर्ड ने उत्तर पश्चिम रेलवे को जल्द से जल्द नई वंदे भारत का रूट चार्ट बनाने के निर्देश दिए हैं. लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक न ही रैक को असेंबल के लिए भेजा गया है और ना ही रूट चार्ट तैयार किया गया है.

यहां देखें राजस्थान में शेडूअल 


उत्तर पश्चिम रेलवे अभी तक ये भी तय नहीं कर पाया है कि नई वंदे भारत को किस रूट पर चलाना है. बताया जा रहा है कि नई वंदे भारत जयपुर से इंदौर या फिर जयपुर से अहमदाबाद के लिए शुरू की जा सकती है. यानि इन्हीं दो शहरों में से किसी एक शहर के लिए इसका संचालन जयपुर से शुरू होगा. देश में जिस स्पीड से वंदे भारत ट्रेनों में इजाफा हो रहा है उससे आने वाले समय में लगभग सभी लंबे रूट की ट्रेनों को वंदे भारत में रिप्लेस कर दिया जाएगा.

अभी वंदे भारत ट्रेन को ज्यादा रेस्पांस नहीं मिल रहा है
हालांकि वंदे भारत का टिकट महंगा होने के कारण इसे अभी बहुत ज्यादा रेस्पांस नहीं मिल पा रहा है और दूसरा समय की बचत भी उतनी नहीं हो पा रही है. फिलहाल ढेहर का बालाजी रेलवे स्टेशन पर नई वंदे भारत का रैक खड़ा है. जल्द ही इसे NWR के किसी कारखाने में भेजा जाएगा जहां इसे जरूरी सुविधाओं से लैस किया जाएगा.दूसरी ट्रेनों के मुकाबले इसका आगमन या प्रस्थान लगभग एक घंटा ज्यादा रहता है.  उसके बाद इसका रूट तय करके संचालन किया जाएगा.