School bus safety rules : बच्चों को स्कूल बस में भेजते समय पेरेंट्स रखें इन बातों का खास ध्यान, सुप्रीम कोर्ट ने बनाए नए सेफ्टी नियम
हरियाणा में स्कूल बस हादसे के बाद पेरेंट्स बहुत ही ज्यादा परेशान है। अब किसी भीतरह की लापरवाही न हो इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नए सेफ्टी नियम बनाएं है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि बच्चों को स्कूल बस में भेजते समय इन नियमों को अच्छे जांच लें। आइये जानते है विस्तार से
School bus safety rules : पहले हरियाणा में स्कूल बस दुर्घटना में कई बच्चों की मौत हुई। उसके बाद दिल्ली में स्कूल के बच्चों बाल-बाल बचें। इन दो हादसों के बाद कई ओर जगहों हादसे हुए है। इन सभी हादसों के बाद प्रशासन द्वारा सभी स्कूल बसों की जांच की जा रही है।
स्कूल बस के ड्राइवर का मेडिकल करवाने का आदेश दिया गया है। इन सब चीजों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब प्रशासन नहीं बल्कि पेरेंट्स इन नए सेफ्टी नियमों के मुताबिक स्कूल बस की जांच करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है की स्कूल बसों के जितने नियम बनाए गए, अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता तो उन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। पेरेंट्स अपने बच्चों के लिए स्कूल बस की जांच कर सकते है और नियमों का पालन न करने पर उनकी शिकायत कर सकते है।
ये हैं सेफ्टी नियम
1. स्कूल बस के पीछे और आगे “स्कूल बस” अवश्य लिखा होना चाहिए।
2. अगर यह किराए की बस है, तो “स्कूल ड्यूटी पर” स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।
3. बस में फर्स्ट-एड-बॉक्स जरूर होना चाहिए।
4. बस की खिड़कियों में क्षैतिज ग्रिल लगी होनी चाहिए।
5. बस में अग्निशामक यंत्र जरूर होना चाहिए।
6. बस पर स्कूल का नाम और टेलीफोन नंबर जरूर लिखा होना चाहिए।
7. बस के दरवाजों पर विश्वसनीय ताले लगे होने चाहिए।
8.स्कूल बैग को सुरक्षित रखने के लिए सीटों के नीचे जगह होनी चाहिए।
9.बस में स्कूल का एक अटेंडेंट होना चाहिए। स्कूल कैब में स्पीड गवर्नर लगे होने चाहिए और अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा होनी चाहिए।
10.स्कूल कैब की बॉडी हाईवे पीले रंग की होनी चाहिए और वाहन के चारों ओर बीच में 150 मिमी चौड़ाई की हरे रंग की क्षैतिज पट्टी होनी चाहिए और वाहन के चारों तरफ ‘स्कूल कैब’ शब्द प्रमुखता से प्रदर्शित होना चाहिए।
11. अगर स्कूली बच्चों की उम्र 12 वर्ष से कम है, तो ले जाने वाले बच्चों की संख्या अनुमानित बैठने की क्षमता से डेढ़ गुना से अधिक नहीं होगी। 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को एक व्यक्ति माना जाएगा।
12.स्कूल कैब के ड्राइवर के पास कम से कम चार साल की अवधि के लिए एलएमवी-ट्रांसपोर्ट वाहन चलाने का वैध लाइसेंस होना चाहिए और अनिवार्य रूप से हल्के नीले रंग की शर्ट, हल्के नीले रंग की पतलून और काले जूते पहनना चाहिए। उसका नाम आईडी शर्ट पर प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
13. वाहन के अंदर स्कूल बैग रखने के लिए पर्याप्त जगह होनी चाहिए और बैग को वाहन के बाहर नहीं लटकाया जाना चाहिए या छत के कैरियर पर नहीं रखा जाना चाहिए।
14. बस चालक को स्कूल कैब में ले जाए जाने वाले बच्चों की पूरी सूची रखनी होगी, जिसमें नाम, कक्षा, आवासीय पता, रक्त समूह और रुकने के बिंदु, रूट योजना आदि का उल्लेख होना चाहिए।
15.किंडरगार्टन के मामले में, अगर स्कूल और माता-पिता द्वारा पारस्परिक रूप से मान्यता प्राप्त कोई अधिकृत व्यक्ति बच्चे को रुकने वाले स्थानों से लेने नहीं आता है, तो बच्चे को स्कूल में वापस ले जाया जाएगा और उनके माता-पिता को बुलाया जाएगा।