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Sheetala Ashtami Basoda Pujan: होली के बाद इस दिन होता है बसौड़ा पूजन, प्रसन्न हो जाती हैं मां शीतला देवी

हजारों साल पुरानी प्रथा हैकि होली के बाद बसौड़ा पूजन किया जाता है। ये पूजन होली खत्म होने के बाद षष्ठी और अष्टमी के दिन किया जाता है। इस पूजन पर मंदिर में तीन दिन का मेला भी लगता है। 
 
होली के बाद इस दिन होता है बसौड़ा पूजन

Sheetala Ashtami Basoda Pujan :  होली का त्योहार खत्म होने के बाद माता शीतला देवी की पूजा अर्चना करने की परम्परा हजारों साल पुरानी बताई जाती है। होली के बाद इस मंदिर पर दूर-दूर से लोग आकर पूजा अर्चना करते हैं।

यहां मेले का भी भव्य आयोजन किया जाता है। इस दौरान कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी किए जाते हैं। तीन दिन तक यहां भक्तों की भारी भीड़ दिखाई देती है।

होली का त्योहार खत्म होने के बाद षष्ठी और अष्टमी के दिन इस मंदिर पर बसौड़ा पूजन करने की प्राचीन परम्परा है। इस मंदिर पर तीन दिवसीय मेले का भी आयोजन किया जाता है।

बासौड़ा पूजन के लिए उमड़ती है भक्तों की भीड़

षष्ठी तिथि से मेला प्रारम्भ हो जाता है, जो तीन दिनों तक चलता है। इस दौरान मंदिर में पूजा करने के लिए लोग होली के त्योहार पर बने हुए पकवान घर से लाते हैं, जिसे बासौड़ा कहते हैं। इस दौरान मंदिर में काफी भीड़ दिखाई देती है।

चेचक,खसरा बीमारी से मिलती है मुक्ति

मान्यता है कि माता शीतला देवी की पूजा करने से चेचक, खसरा बीमारी से छुटकारा मिल जाता है। इसलिए सबसे पहले इनकी पूजा की जाती है। इस दिन लोग यहां बच्चों का मुंडन भी करवाते हैं। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमे जवाबी कीर्तन, भजन और झांकियां शामिल हैं।