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Solar Expressway: बिजली पैदा करेगा UP का ये एक्सप्रेसवे, रोशनी में होगा सफर; चमकेंगे 1 लाख घर, जाने कैसे मिलेगा फायदा 

भारत में कई एक्सप्रेसवे और राजमार्ग चालू हैं और कई निर्माणाधीन हैं। इनमें से प्रत्येक एक्सप्रेसवे सुविधाओं से भरा हुआ है।
 
Solar Expressway
Solar Highways: भारत में कई एक्सप्रेसवे और राजमार्ग चालू हैं और कई निर्माणाधीन हैं। इनमें से प्रत्येक एक्सप्रेसवे सुविधाओं से भरा हुआ है। विशेष रूप से, उत्तर प्रदेश में बनाए जा रहे ये तेज गति वाले सड़क मार्ग एक नया आयाम बना रहे हैं। वर्तमान में राज्य में 14 एक्सप्रेसवे हैं। इनमें से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एक अलग पहचान बनाने जा रहा है।
उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) इसे सौर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित कर रहा है। 296 किलोमीटर लंबे इस सड़क मार्ग के दोनों ओर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। यह देश की पहली सौर ऊर्जा परियोजना होगी। इस परियोजना के पूरा होने से लगभग एक लाख घरों को बिजली मिलेगी। इसके लिए बड़े पैमाने पर भूमि अधिग्रहण पूरा किया गया है। इसके अलावा, 8 सौर ऊर्जा डेवलपर्स ने अपनी प्रस्तुतियाँ पूरी कर ली हैं।

बुंदेलखंड सौर एक्सप्रेसवे को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत स्थापित किया जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर, 15 से 20 मीटर चौड़ी पट्टी के साथ मुख्य सड़क और सर्विस लेन के बीच का क्षेत्र खाली है। इसलिए इस बेल्ट पर सोलर पैनल लगाकर 550 मेगावाट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया जाएगा।
हरित ऊर्जा का विकास होगा
 इस परियोजना के पूरा होने के साथ ही हरित ऊर्जा का विकास होगा। इस परियोजना से बुंदेलखंड, पूर्वांचल, लखनऊ, आगरा और गोरखपुर एक्सप्रेसवे पर सौर पैनल संयंत्रों की स्थापना से वार्षिक ऊर्जा खपत पर 6 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा। इसलिए बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इस परियोजना के लिए सबसे उपयुक्त है। यहां आसानी से जमीन मिल जाती है। इसके अलावा, मौसम ज्यादातर साफ और शुष्क रहता है। औसत वार्षिक वर्षा 800 से 900 मिलीमीटर के बीच होती है।

 
 भविष्य में इसका विस्तार 6 लेन तक किया जा सकता है। पुलिस गश्त और एम्बुलेंस सुरक्षा और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक्सप्रेसवे पर दिन-रात गश्त करते हैं। इसमें वाहन चालकों को टोल टैक्स के रूप में 600 रुपये और 3900 रुपये तक का भुगतान करना होगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रवेश-निकास बिंदु यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट जिले में भारतकप के पास गोंडा गांव में एनएच-35 से इटावा के कुद्रैल गांव तक फैला हुआ है, जहां यह आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिलता है।

 
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बनेगा औद्योगिक गलियारा (Bundelkhand Expressway Industrial Corridor)
यूपीईआईडीए ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के साथ दो औद्योगिक गलियारों की स्थापना के लिए एक बड़ी बजट योजना बनाई है। पहला गलियारा जालौन में और दूसरा बांदा में विकसित किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने 1500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। औद्योगिक गलियारे का स्थान सीकरीगंज से राम जानकी मार्ग पर धुरियापार के पास तय किया जाना है। ये गलियारे पहले से ही निर्माणाधीन बुंदेलखंड रक्षा गलियारे से अलग होंगे।

 
परियोजना का नाम बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एक्सप्रेसवे 
 परियोजना जानकारी विवरण परियोजना का नाम बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एक्सप्रेसवे की लंबाई 296 किमी एक्सप्रेसवे परियोजना लागत 14,716 सौर परियोजना-14,850 करोड़ औद्योगिक गलियारा परियोजना लागत 1500 करोड़ लेन 4 (can be increased to 6)
कंस्ट्रक्शन कंपनी यूपीईआईडीए एक्सप्रेसवे कंप्लीशन टाइम 2022 सोलर पावर डेवलपर्स प्रेजेंटेशन टास्को, टोरेंट पावर, सोमाया सोलर सॉल्यूशन, आर मैनेजमेंट, अवदा एनर्जी, एरिया वृंदावन पावर, एरिया मोबिलिटी, महाप्राइट एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे चित्रकूट से इटावा जाने वाला यह एक्सप्रेसवे अपने आप में खास है। इस सड़क मार्ग को सौर एक्सप्रेसवे के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके आसपास एक औद्योगिक शहर स्थापित करके लोगों को रोजगार से जोड़ने की योजना है। यह 28 महीनों में पूरा होने वाला सबसे छोटा मार्ग है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह अभिगम नियंत्रण एक्सप्रेसवे है। एक्सप्रेसवे में 18 ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 4 रेलवे ओवरब्रिज और 266 छोटे पुल हैं। इसके निर्माण से बुंदेलखंड के परिवहन और विकास में तेजी आ रही है।