Toll Plazas New System: टोल प्लाजा के लिए नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में नितिन गडकरी, वाहन चालकों की समस्या होगी दूर
Highway Toll Plaza: अगर आप अक्सर हाईवे पर अपनी कार से सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। कार चालकों की परेशानियों को समझते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगर सड़कें खराब हैं और लोगों को परेशानी हो रही है, तो हाईवे एजेंसियों का टोल लेना ठीक नहीं है। उन्होंने सैटेलाइट आधारित टोलिंग सिस्टम पर आयोजित वैश्विक कार्यशाला में यह बात कही। इस साल सरकार 5,000 किलोमीटर सड़क पर नई टोलिंग प्रणाली लागू करने की तैयारी कर रही है।
सोशल मीडिया भी शिकायतों से भरा पड़ा है
गडकरी ने कार्यशाला में साफ तौर पर कहा कि अगर आप अच्छी सेवा नहीं दे सकते, तो आपको टोल नहीं लेना चाहिए। जब किसी सड़क की हालत अच्छी नहीं होती, तो मुझे कई शिकायतें मिलती हैं। सोशल मीडिया भी इससे जुड़ी पोस्ट से भरा पड़ा है... अगर आप गड्ढों और कीचड़ भरी सड़कों पर टोल लेंगे, तो लोग नाराज होंगे। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि हाईवे पर टोल लगाने से जुड़ी एजेंसियों के अधिकारियों को टोल प्लाजा पर लंबे समय तक इंतजार करने वाले लोगों की परेशानियों के बारे में भी सोचना चाहिए। ऐसी समस्याओं पर शिकायत दर्ज करने और उनका तुरंत समाधान करने की व्यवस्था होनी चाहिए।
2021 में टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य किया गया
सरकार ने टोल प्लाजा पर किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए साल 2021 में फास्टैग अनिवार्य किया था। अब जब 95 फीसदी वाहनों में फास्टैग है, तब भी टोल प्लाजा पर लंबी कतारें लगी रहती हैं। इन लाइनों को खत्म करने के लिए NHAI ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर काम कर रहा है। इस साल देशभर के 5000 किलोमीटर हाईवे पर GNSS सिस्टम शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है। 1 जुलाई से कुछ हाईवे पर यह सिस्टम शुरू हो जाएगा।
हाईवे से गायब हो जाएंगे टोल प्लाजा!
GNSS लागू होने के बाद वह दिन दूर नहीं जब आपको हाईवे पर टोल प्लाजा नहीं दिखेंगे। हाईवे अथॉरिटी ने इसे व्यवस्थित तरीके से शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। सबसे पहले इसे कमर्शियल वाहनों से शुरू किया जाएगा। टोल प्लाजा की एक लेन पूरी तरह से GNSS के लिए होगी। इसके शुरू होने के बाद वाहन बिना रुके गुजर सकेंगे। सरकार अगले चरण में निजी वाहनों में भी जीएनएसएस लागू करने की योजना बना रही है। गडकरी ने कहा कि जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह से सरकार के टोल राजस्व में 10,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, 'हमें देश में लीक प्रूफ जीएनएसएस आधारित टोल संग्रह प्रणाली स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि टोल उपयोगकर्ताओं को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।